Use of snake venom: सांपों से धरती पर मौजूद लगभग सभी जीव-जंतु डरते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत समेत दुनिया भर में हर साल करीब सवा लाख लोग सांप के काटने से अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसे में कई लोग सांपों को देखने से ही नहीं बल्कि उनके बारे में बात करने से भी डरते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि जो जहर हर साल हजारों लोगों की जान ले लेता है, वही जहर जीवन रक्षक दवा में भी इस्तेमाल किया जाता है? 22 साल से वन्यजीवों पर काम कर रहे वन्यजीव विशेषज्ञ स्वप्निल खटाल (Swapnil Khatal) ने यह दिलचस्प तथ्य साझा किया.
स्वप्निल के मुताबिक, सांप के जहर (snake venom) में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। ये विषाक्त पदार्थ हेमोटॉक्सिन, न्यूरोटॉक्सिन, मायोटॉक्सिन या साइटोटॉक्सिन प्रकार के हो सकते हैं। इस जहर में मौजूद प्रोटीन दिल का दौरा, स्ट्रोक, अल्जाइमर, पार्किंसंस जैसी कई बीमारियों के इलाज में उपयोगी है।
हैरानी की बात यह है कि सांपों के अलावा बिच्छू और मकड़ी जैसे अन्य जहरीले जानवरों के जहर का इस्तेमाल भी दवाइयां बनाने में किया जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, रसेल वाइपर (Russell Viper) में उच्च गुणवत्ता वाला हीमोटॉक्सिक जहर होता है। यह शरीर में प्रवेश करने के तुरंत बाद रक्तचाप को कम करने और रक्त के थक्के जमने का प्रभाव डालता है। इसी वजह से वैज्ञानिक इस जहर का इस्तेमाल हार्ट अटैक जैसी बीमारियों की दवा बनाने में कर रहे हैं।
कॉस्मेटिक उत्पादों में जहर का प्रयोग
सांप के जहर से बनी कई दवाइयां इस समय बाजार में उपलब्ध हैं। गौरतलब है कि सांप के जहर का इस्तेमाल न सिर्फ जीवन रक्षक दवाएं बनाने में बल्कि कई कॉस्मेटिक उत्पादों में भी किया जाता है।
साँप के जहर के घटकों का उपयोग दुनिया के कुछ सबसे मूल्यवान सौंदर्य उत्पादों में किया जाता है। इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने पुष्टि की है कि सांप के जहर का उपयोग कैंसर, ट्यूमर और ब्रेन हेमरेज जैसी जानलेवा बीमारियों के इलाज के लिए भी किया जाता है।
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Sun, Nov 03 , 2024, 01:24 PM