Dhanteras: धनत्रयोदशी में 'धन' का सही अर्थ क्या है? 90 फीसदी लोग नहीं जानते

Wed, Oct 30 , 2024, 10:15 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Dhanteras 2024: दिवाली से पहले धनत्रयोदशी (Dhanteras) का विशेष महत्व है. इस दिन लोग लक्ष्मी, भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर देव की पूजा करते हैं। इस दिन लोग सोना-चांदी खरीदना शुभ मानते हैं। ज्यादातर लोग सोचते हैं कि धनत्रयोदशी (Dhantrayodashi) का मतलब धन और संपदा के देवता की पूजा है, लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि, धनत्रयोदशी का दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। चूँकि स्वास्थ्य ही जीवन का सबसे बड़ा धन है, इसलिए इसे 'आरोग्यं धन सम्पत्ति' कहा जाता है।

धनत्रयोदशी से दिवाली का त्योहार शुरू हो जाता है. इस दिन सोना-चांदी खरीदने और लक्ष्मी-कुबेर की पूजा से ज्यादा महत्व भगवान धन्वंतरि की पूजा का है। दरअसल, पौराणिक मान्यता के अनुसार, धन तेरस के दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा का विशेष महत्व है।

भारतीय संस्कृति में स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन माना गया है और इसे धन से भी ऊपर महत्व दिया गया है। धनत्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि प्राप्त होती है। ऐसे में अच्छे स्वास्थ्य और धन के लिए इस दिन का विशेष महत्व है। देव धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक माना जाता है, इसलिए वे चिकित्सा विज्ञान और स्वास्थ्य के देवता हैं। देव धन्वंतरि को भगवान विष्णु का अवतार भी माना जाता है।

धनत्रयोदशी के दिन धन्वंतरि और कुबेर देव की पूजा के लिए 13 दीपक जलाने का विशेष महत्व है। इन दीयों को घर के अलग-अलग हिस्सों में रखा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से स्वास्थ्य और धन दोनों की प्राप्ति होती है।

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