shardiya navratri 2024: नवरात्रि के छठवें दिन करें मां कात्यायनी पूजा, अविवाहित लड़कियों को मिलेगा मनचाहा पति!

Wed, Oct 09 , 2024, 07:53 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

shardiya navratri 2024: आज नवरात्रि का छठा दिन है और इस दिन माँ कात्यायनी (Maa Katyayani) की पूजा का विधान बताया गया है। माँ कात्यायनी को माँ दुर्गा (Maa Durga) का ज्वलंत स्वरूप माना गया है। कहते हैं जो कोई भी भक्त माँ कात्यायनी की विधिवत पूजा (Dharmful worship) करता है उसे अपने जीवन में शक्ति, सफलता, प्रसिद्धि का वरदान प्राप्त होता है। देवी कात्यायनी के बारे में प्रसिद्ध मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि, देवी ने ही देवताओं की असुरों से रक्षा की थी।

माँ कात्यायनी का स्वरूप

माँ कात्यायनी का स्वरूप बेहद ही चमकीला है। माँ की चार भुजाएं हैं। माता कात्यायनी (Dharmful worship) ने दाहिनी तरफ के ऊपर वाले हाथ को अभय मुद्रा में लिया हुआ है और नीचे वाला हाथ वरद मुद्रा में है। बाई तरफ का ऊपर वाले हाथ में माँ ने तलवार धारण की हुई है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल सुशोभित है। माँ कात्यायनी का वाहन शेर है।

 या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

अर्थात: हे माँ! सर्वत्र विराजमान और शक्ति -रूपिणी प्रसिद्ध अम्बे, आपको मेरा बार-बार प्रणाम है। या मैं आपको बारंबार प्रणाम करता हूँ।

माँ का पसंदीदा भोग और रंग
नवरात्रि में रंगों और भोग का विशेष महत्व बताया गया है। कहते हैं यदि नवरात्रि के 9 दिन के अनुरूप व्यक्ति रंगों का इस्तेमाल करें और देवी के विभिन्न रूपों को उनका मन पसंदीदा भोग अर्पित करें तो इससे व्यक्ति की समस्त मनोकामनाएं जल्द पूर्ण होती है और साथ ही देवी भी शीघ्र और अवश्य प्रसन्न होती हैं। तो आइये जान लेते हैं माँ कात्यायनी का पसंदीदा रंग क्या है और इनका पसंदीदा भोग क्या है। रंग की बात करें तो माँ कात्यायनी को लाल रंग बेहद ही प्रिय है। इसके बाद माँ के प्रिय भोग के बारे में मान्यता है कि, माँ कात्यायनी शहद के भोग से बेहद ही शीघ्र प्रसन्न होती है। ऐसे में आप नवरात्रि के छठे दिन की पूजा में माँ कात्यायनी को शहद का भोग अवश्य अर्पित करें।

ज्योतिष विश्लेषण
वामन पुराण के अनुसार राक्षस महिषासुर का वध करने के लिए क्रोध से और देवताओं की ऊर्जा किरणों से ऋषि कात्यायन के आश्रम में संयुक्त रोशनी को देवी का रूप दिया गया। कात्यायन की पुत्री के रूप में देवी का नाम कात्यायनी पड़ा। कहते हैं माँ कात्यायनी की पूजा करने से अविवाहित लड़कियों को मनचाहा पति मिलता है। माँ कात्यायनी का संबंध बृहस्पति ग्रह से भी जुड़ा हुआ है। ऐसे में जिन व्यक्तियों की कुंडली में गुरु ग्रह बृहस्पति ग्रह अशुभ स्थिति में मौजूद हो या पीड़ित अवस्था में हों उन्हें विशेष तौर पर माँ कात्यायनी की पूजा करने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से आप कुंडली में मौजूद इस ग्रह को मजबूत कर सकते हैं। इसके अलावा माँ कात्यायनी की विधिवत पूजा करने से व्यक्ति के जीवन से रोग, दुख, संताप और किसी भी प्रकार का भय भी दूर होता है।

 

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