Navratri first day : शैलपुत्री देवी, देवी का पहला रूप; जानिए पूजा का समय, पूजा विधि और शुभ रंग! 

Wed, Oct 02 , 2024, 11:23 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Navratri first day: नवरात्रि का त्यौहार (festival of Navratri) नौ रातों तक चलने वाला त्यौहार है। दुर्गा को समर्पित नौ दिवसीय उत्सव गुरुवार, 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। कल घटस्थापना (Ghatasthapana) के साथ शुरू होगी नवरात्रि. नवरात्रि व्रत और गरबा जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम इस त्योहार की पहचान हैं। इसके अतिरिक्त, सभी नौ दिन देवी के विभिन्न नौ रूपों को समर्पित हैं, जिन्हें 'आदिशक्ति के नौ रूप' के रूप में भी जाना जाता है। आइए जानते हैं नवरात्रि के पहले दिन देवी के किस स्वरूप की पूजा की जाती है, पूजा का समय, पूजा विधि और शुभ रंग।

देवी का प्रथम स्वरूप
नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री देवी (Shailputri Devi) को समर्पित है। इसलिए शैलपुत्री देवी की पूजा पहली माला या पहले दिन की जाती है।

देवी को पहाड़ों की बेटी के रूप में वर्णित किया गया है। देवी शिलापुत्री का नाम दो संस्कृत शब्दों से मिलकर बना है: 'शील', जिसका अर्थ है चट्टान, और 'पुत्री', जिसका अर्थ है बेटी। शिला पुत्री को अरबों सूर्यों और चंद्रमाओं की तरह सकारात्मकता, खुशी और प्रकाश बिखेरने के लिए जाना जाता है। देवी सती ने एक हिमालयी कन्या के रूप में जन्म लिया। बाद में उन्हें शैलपुत्री के नाम से जाना जाने लगा।

शैलपुत्री देवी के मस्तक पर अर्धचंद्र स्थापित है। देवी के दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल का फूल है। शैलपुत्री देवी का वाहन नंदी है। इसलिए शैलपुत्री देवी को वृषभारूढ़ा भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि अगर आप नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री देवी की पूजा करते हैं तो चंद्र दोष दूर हो जाता है।

नवरात्रि का पहला दिन पूजा-अर्चना का समय होता है
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन की पूजा का समय गुरुवार को सुबह से शुरू हो जाएगा। शुभ घटस्थापना मुहूर्त सुबह 6.30 बजे शुरू होगा और 7.31 बजे समाप्त होगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:30 बजे शुरू होगा और 12:51 बजे समाप्त होगा।

शारदीय नवरात्रि के पहले दिन शुभ रंग
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन का शुभ रंग पीला है। नवरात्रि का रंग सप्ताह के उस दिन के आधार पर चुना जाता है जो त्योहार की शुरुआत का प्रतीक है।

प्रथम मल पूजा अनुष्ठान
हिमालयी कन्या होने के कारण शैलपुत्री देवी को बर्फ जैसा सफेद रंग बहुत पसंद है। इसीलिए देवी की पूजा सफेद फूलों से की जाती है। साथ ही सफेद वस्त्र चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। यह भी कहा जाता है कि देवी को सफेद मिठाई का भोग लगाना चाहिए।

शैलपुत्री देवी को प्रसाद -
शैलपुत्री देवी का वाहन गाय है। इसलिए उन्हें गाय के दूध से बनी चीजें चढ़ाना शुभ माना जाता है। आप शैलपुत्री देवी को दूध की खीर या मिठाई का भोग लगा सकते हैं.

प्रथम माल देवी के मंत्र
शैलपुत्री देवी बीज मंत्र- या देवी सर्वभूतेषु मां शैलपुत्री रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

शैलपुत्री देवी मंत्र- 1. ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ शैलपुत्री देव्यै नम।

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups