Geeta Updesh : सावधान! गंगा में भी नहीं धुलते ऐसे पाप! गीता में श्री कृष्ण कहते हैं...

Sat, Sep 28 , 2024, 03:15 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Knowledge of the Gita: अगर हमारे जीवन में कोई भी विपत्ति आती है तो हम उसे सहन नहीं कर पाते हैं। श्री कृष्ण (Shri Krishna) ने भगवद गीता (Bhagavad Gita) में कहा है कि सुख और दुःख क्षणभंगुर हैं और हमें बिना किसी हिचकिचाहट के इन्हें सहन करना सीखना चाहिए और यह तभी संभव होगा जब हम भगवद गीता का लगातार अध्ययन करेंगे।

श्रीमद्भगवत गीता में महाभारत युद्ध के दौरान भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन (Lord Krishna to Arjuna) को दिए गए उपदेशों का वर्णन है। गीता सबसे प्रभावशाली ग्रंथ है। गाने के अनमोल शब्द इंसान को जिंदगी जीने का सही रास्ता दिखाते हैं। श्रीमद्भागवत गीता जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम की शिक्षा देती है। गीता में श्री कृष्ण ने बताया है कि जीवन में समस्याएं क्यों आती हैं और उनका समाधान क्या है। श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है कि कुछ पाप गंगा स्नान से भी नहीं धुलते।

परित्राणाय साधूनाम् विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे-युगे॥

भावार्थ: मैंने (श्रीकृष्ण ने) हर युग में सज्जनों के कल्याण के लिए और दुष्टों के विनाश के लिए और धर्म की स्थापना के लिए मैं हर युग में जन्मलेता हूँ।

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:॥

भावार्थ: (हे अर्जुन) सभी धर्मों को त्यागकर अर्थात् सभी शरणों को त्यागकर केवल मेरी शरण में आने से मैं (श्रीकृष्ण) तुझे सभी पापों से मुक्त कर दूंगा, इसलिए तू शोक मत कर।

गीता उपदेश
गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि गंगा में केवल आकस्मिक पाप ही धुलते हैं, योजनाबद्ध पापों को भगवान कभी माफ नहीं करते।
श्रीकृष्ण कहते हैं कि अकेले चलने से डरना नहीं चाहिए। मनुष्य अकेला ही कब्र, शिखर और सिंहासन तक पहुंचता है।
गीता में लिखा है कि गलत काम करते समय व्यक्ति दाहिनी ओर, बायीं ओर, आगे, पीछे, इधर-उधर देखता है और ऊपर देखना भूल जाता है। आप भगवान से सब कुछ छुपा सकते हैं लेकिन कुछ भी नहीं।
गीता के अनुसार किसी भी व्यक्ति को सिर्फ दिखावे के लिए अच्छा नहीं होना चाहिए। ईश्वर आपको न केवल बाहर से बल्कि अंदर से भी जानता है और उसके सामने दिखावा करना व्यर्थ है।
गाने के बोल में लिखा है कि केवल कायर और कमजोर लोग ही चीजों को भाग्य पर छोड़ देते हैं। जो लोग दृढ़ इच्छाशक्ति वाले और आत्मनिर्भर होते हैं वे कभी भी भाग्य पर भरोसा नहीं करते। ऐसे लोग अपनी मेहनत से सब कुछ हासिल कर लेते हैं।
गीता में लिखा है कि जो भी करो भगवान को अर्पण करते रहो। ऐसा करने से तुम सदैव जीवन्मुक्त होने के आनन्द का अनुभव करोगे।

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