Navratri Akhand Jyot Rules: नवरात्रि में जलाना है अखंड ज्योत? जानिए महत्व, मान्यता और नियम

Fri, Sep 27 , 2024, 05:15 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Sharadiya Navratri Akhand Jyot Rules: नवरात्रि के दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती (goddess are worshiped) है। देवी को प्रसन्न करने के लिए वे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। साथ ही नौ दिनों तक अखंड ज्योत (Akhand Jyot) भी जलाई जाती है। अखंड ज्योति का अर्थ है एक ऐसी लौ जो नौ दिनों तक नहीं बुझती। यह ज्योत प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना (Kalash Sthapana) के समय जलाई जाती है। अगर आप भी नवरात्रि (Navratri 2024 ) के दौरान अखंड ज्योत जलाने जा रहे हैं तो इससे जुड़ी कई बातें आपको जानना जरूरी है। जानें अखंड ज्योत जलाने के नियम और कारण। 

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को दोपहर 12:00 बजे से शुरू होकर शाम 18:00 बजे तक रहेगी। 4 अक्टूबर को सुबह 2.58 बजे खत्म हो जाएगा। ऐसे में शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) 3 अक्टूबर से शुरू होंगे। शारदीय नवरात्रि 11 अक्टूबर को समाप्त होगी। इसके अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा। 

स्वीकृति के अनुसार घट स्थापना के बाद घरों में अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति का अर्थ है ऐसी लौ जो टूटती नहीं है। निरंतर प्रकाश से घर में समृद्धि आती है और देवी के आशीर्वाद से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है।

अखंड ज्योति के नियम

  • अगर आप अखंड ज्योत जला रहे हैं तो याद रखें कि लौ का दीपक और बाती इतनी बड़ी होनी चाहिए कि वह लंबे समय तक जल सके।
  • अखंड ज्योति को बनाए रखने के लिए याद रखें कि स्नान करके शुद्ध होने के बाद आपको अखंड ज्योत में घी और तेल डालते रहना चाहिए।
  • अखंड ज्योत को कभी भी गंदे हाथों से न छुएं। अखंड ज्योति जलाने के लिए पुराने दीपक या टूटे हुए दीपक का प्रयोग न करें। इस दीपक की बाती भी निरंतर जलने योग्य होनी चाहिए।
  • चावल से भरी थाली में निरंतर लौ जलती रहनी चाहिए। देवी के पास जमीन पर नहीं बल्कि चावल से भरी थाली में अखंड ज्योत रखी जाती है।
  • जिस स्थान पर ज्योत जल रही हो उस स्थान पर ताला न लगाएं। इसका मतलब है कि कमरे में रोशनी होनी चाहिए और उसमें इतना घी भर देना चाहिए कि तीन से चार घंटे तक जलता रहे। बार-बार जांच करें कि लगातार जलने वाली लौ बुझ न जाए।
  • कन्या पूजन के बाद अखंड ज्योत स्वतः ही समाप्त हो जाती है। अगर किसी कारणवश आप अपने घर में अखंड ज्योत नहीं जला पा रहे हैं तो आपको अपने नाम से किसी मंदिर में अखंड ज्योति सामग्री दान कर देनी चाहिए।

 

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