Sharadiya Navratri Akhand Jyot Rules: नवरात्रि के दौरान देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती (goddess are worshiped) है। देवी को प्रसन्न करने के लिए वे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं। साथ ही नौ दिनों तक अखंड ज्योत (Akhand Jyot) भी जलाई जाती है। अखंड ज्योति का अर्थ है एक ऐसी लौ जो नौ दिनों तक नहीं बुझती। यह ज्योत प्रतिपदा के दिन कलश स्थापना (Kalash Sthapana) के समय जलाई जाती है। अगर आप भी नवरात्रि (Navratri 2024 ) के दौरान अखंड ज्योत जलाने जा रहे हैं तो इससे जुड़ी कई बातें आपको जानना जरूरी है। जानें अखंड ज्योत जलाने के नियम और कारण।
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर को दोपहर 12:00 बजे से शुरू होकर शाम 18:00 बजे तक रहेगी। 4 अक्टूबर को सुबह 2.58 बजे खत्म हो जाएगा। ऐसे में शारदीय नवरात्र (Sharadiya Navratri) 3 अक्टूबर से शुरू होंगे। शारदीय नवरात्रि 11 अक्टूबर को समाप्त होगी। इसके अगले दिन यानी 12 अक्टूबर को विजयादशमी का त्योहार मनाया जाएगा।
स्वीकृति के अनुसार घट स्थापना के बाद घरों में अखंड ज्योति जलाई जाती है। अखंड ज्योति का अर्थ है ऐसी लौ जो टूटती नहीं है। निरंतर प्रकाश से घर में समृद्धि आती है और देवी के आशीर्वाद से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसलिए अखंड ज्योति प्रज्वलित की जाती है।
अखंड ज्योति के नियम
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Fri, Sep 27 , 2024, 05:15 PM