Yoga Mantra: पीरियड्स के दौरान भारी ब्लीडिंग से राहत दिलाएंगे ये योगासन, दर्द भी होगा दूर

Mon, Sep 23 , 2024, 10:47 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Yoga Poses for Heavy Periods :  ज्यादातर महिलाएं पीरियड्स के दौरान भारी रक्तस्राव से पीड़ित होती हैं। महिलाओं में यह भारी रक्तस्राव न केवल उनके शरीर में आयरन की कमी का कारण बनता है, बल्कि कमजोरी, चक्कर आना और कभी-कभी गर्भधारण करने में कठिनाई का कारण भी बनता है। महिलाएं अक्सर इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए दवा का सहारा लेती हैं, लेकिन कुछ समय बाद समस्या फिर से लौट आती है। अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो इन दो योगासनों को अपनी दिनचर्या में जरूर शामिल करें।

क्या पीरियड्स के दौरान योग करना चाहिए?
मासिक धर्म से पहले और बाद में योग (Yoga) करने से पीरियड्स से जुड़ी कई समस्याएं ठीक हो सकती हैं। मासिक धर्म के पहले या दो दिन योग से बचने की सलाह दी जाती है। इसके बावजूद, ऐसे कई योग आसन हैं जिन्हें करने से मासिक धर्म के दौरान भारी रक्तस्राव, दर्द और ऐंठन से राहत मिल सकती है।

सुखासन
सुखासन एक योग मुद्रा है, जिसे आसान मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। 'सुखासन' शब्द संस्कृत के शब्द 'सुखम' से लिया गया है जिसका अर्थ है 'आनंद'। सुखासन व्यक्ति को सुखी बनाता है। योग विशेषज्ञ अक्सर लोगों को इस आसन में बैठकर खाना खाने की सलाह देते हैं। सुखासन बैठने की एक मुद्रा है। सुखासन करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पैर फैलाकर बैठ जाएं। इसे करते समय अपनी पीठ सीधी रखें और बारी-बारी से दोनों पैरों को घुटनों से अंदर की ओर मोड़ें। घुटनों को बाहर की ओर रखें और पैरों को क्रॉस करके बैठें। अब अपने पैरों को आराम दें और बैठ जाएं। याद रखें कि घुटने ज़मीन से छूते रहें। इस आसन को करते समय अपनी कमर, गर्दन, सिर और रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने का विशेष ध्यान रखें। अब अपनी आंखें बंद करें और गहरी सांस लें और अपने दिमाग को शांत रखें। इस आसन में एक मिनट तक रहें। इस आसन को 3 बार करें।

बालासन
इसे चाइल्ड पोज़ के नाम से भी जाना जाता है। इसे करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं। इसके बाद अपने दोनों घुटनों और एड़ियों को एक साथ लाएं। धीरे-धीरे घुटनों को जितना संभव हो सके बाहर की ओर फैलाएं। गहरी सांस लें और आगे की ओर झुकें। इसे करते समय पेट को दोनों जांघों के बीच लाएं और कूल्हों को सिकोड़ते हुए कमर के पिछले हिस्से को नाभि की ओर खींचने का प्रयास करें। इसके बाद सिर और गर्दन को थोड़ा पीछे उठाने की कोशिश करें। इस आसन में श्रोणि शिथिल अवस्था में होती है। इस आसन को 2 से 3 मिनट तक करें। इस आसन में गर्भाशय की दीवार में संकुचन पैदा होता है। जो मासिक धर्म के दर्द और ऐंठन से राहत दिलाता है।

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