Rakshabandhan : रक्षासूत्र बांधने का शुभ मुहूर्त! राखी बांधते समय करें ये 3 काम, बढ़ेगी सुख-समृद्धि!

Sun, Aug 18 , 2024, 06:58 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Rakshabandhan 2024 : श्रावण के तीसरे सोमवार और पूर्णिमा (Purnima) के दिन शुभ योग में भाई-बहन रक्षाबंधन का त्योहार मनाएंगे। यह दिन भाई-बहन के अटूट प्यार और विश्वास को समर्पित है। रक्षाबंधन (Rakshabandhan) पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं। श्रावण सोमवार के साथ ही श्रावण पूर्णिमा, सर्वार्थ सिद्धि, रवि और शुभ योग में रक्षाबंधन का त्योहार (festival) मनाया जाएगा। इस दिन स्नान और दान करना भी शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार रक्षाबंधन भद्राकाल को टालकर श्रावण पूर्णिमा तिथि को शुभ मुहूर्त में मनाना बेहतर होता है। ऐसे में रक्षाबंधन के दिन विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। खासतौर पर बहनों (Especially sisters must) को राखी बांधते समय ये जरूर करना चाहिए। ऐसा करने से भाई को लंबी उम्र का वरदान मिलता है और उसके जीवन में सुख-समृद्धि आती है।

रक्षासूत्र बांधने का मुहूर्त
रक्षाबंधन भद्रा समाप्ति समय- दोपहर 1:30 बजे।

रक्षाबंधन भद्रा पूंछ- सुबह 9:51 से 10:53 बजे तक।

रक्षाबंधन भद्रा मुख - सुबह 10:53 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक।

पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ- 19 अगस्त 2024 प्रातः 3:40 बजे।

पूर्णिमा तिथि समाप्त - 19 अगस्त 2024 रात्रि 11:55 बजे।

रक्षाबंधन शुभ समय- दोपहर 1:30 बजे से रात 9:8 बजे तक।

अवधि - 7 घंटे 38 मिनट।

रक्षाबंधन के लिए दोपहर का समय - दोपहर 1:43 बजे से शाम 4:20 बजे तक।

अवधि- 2 घंटे 37 मिनट।

रक्षाबंधन के लिए प्रदोष काल मुहूर्त- शाम 6:56 बजे से रात 9:8 बजे तक।

अवधि - 2 घंटे 11 मिनट।
राखी बांधते समय करें ये 3 काम
श्रावण पूर्णिमा के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर प्यार का धागा यानी राखी बांधती है। राखी में तीन गांठें लगाना शुभ माना जाता है। पहली गांठ भाई की लंबी उम्र के लिए, दूसरी गांठ खुद की लंबी उम्र के लिए और तीसरी गांठ रिश्ते में खुशहाली (happiness in the relationship) के लिए लगाई जाती है।

राखी बांधने के बाद माथे पर अनामिका उंगली से  टीका  लगाने की परंपरा है। इसके बाद बहनें इस टीके पर अक्षत लगाती हैं और अपने भाई की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं। भाई के जीवन में मिठास बनाए रखने के लिए बहन उसे मिठाई खिलाती है। इसके बाद भाई भी बहनों को उपहार देते हैं।

रक्षाबंधन में रक्षासूत्र बांधते समय “येन बद्धो बलि राजा दानवेन्द्र महाबलः।” तेन त्वमभिबध्नामि रक्षे माचल माचल।” मंत्रों का जाप शुभ माना जाता है। धर्मशास्त्र में इंद्राणी युद्ध पर जाने से पहले देवराज इंद्र को रक्षासूत्र बांधती थीं। रक्षाबंधन एक भाई द्वारा अपनी बहन के प्रति प्रेम और सुरक्षा की प्रतिज्ञा है।

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