Rules for hoisting the national flag : स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर लोगों में तिरंगे (Tricolor) के साथ फोटो खिंचवाने का जबरदस्त फर्ज होता है। इसके अलावा कई लोग अपने घर पर या अपने घर (house) के सामने तिरंगा लगाते हैं। ऐसे में अगर आप कानूनी पचड़े में नहीं पड़ना चाहते हैं तो तिरंगे से जुड़े कुछ नियम-कायदों को जानना जरूरी है। राष्ट्रीय ध्वज हमारे देश (National flag of our country) की पहचान है (Identity)। इसलिए सभी को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि तिरंगे का अपमान किसी के द्वारा नहीं किया जाएगा। राष्ट्रीय ध्वज फहराने से लेकर राष्ट्रीय ध्वज को संभालने तक कई नियम और कानून होते हैं। यदि आप गलती से उन नियमों और कानूनों का उल्लंघन करते हैं, तो आपको कानूनी दंड का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल करने से पहले आपको इसके बारे में नियम और कानून जान लेने चाहिए।
राष्ट्रीय ध्वज फहराने के नियम-
संवैधानिक रूप से, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का फहराना/उपयोग/प्रदर्शन राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा नियंत्रित होता है। इसके अनुसार किसी भी सार्वजनिक/निजी संस्थान या शैक्षणिक संस्थान का कोई भी सदस्य किसी भी दिन और किसी भी अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है।
-लेकिन याद रखें, जब राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा तो केसरिया रंग सबसे ऊपर होगा। यदि कोई झंडे को लंबवत प्रदर्शित कर रहा है, तो केसरिया रंग राष्ट्रीय ध्वज के दाईं ओर यानी सामने वाले व्यक्ति के बाईं ओर होगा। ये याद रखना बहुत जरूरी है।
इन बातों का रखें ध्यान-
- भारतीय ध्वज संहिता के अनुच्छेद 2.2 के अनुसार कोई भी आम नागरिक अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा सकता है। हालाँकि, जब भी राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित (Displaying the national flag) किया जाए तो उसे सम्मानजनक स्थिति में और स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
-जब राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए तो उसका पूरा सम्मान करना चाहिए। इसे सही जगह पर रखा जाना चाहिए। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि झंडे को जमीन पर या किसी गंदे स्थान पर न रखा जाए।
- नियमों के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज का इस्तेमाल किसी चीज को लपेटने, प्राप्त करने या वितरित करने के लिए नहीं किया जा सकता है। झंडे को फर्श, ज़मीन या पानी को छूने की अनुमति नहीं है। इसका उपयोग किसी वक्ता की मेज को ढकने या किसी कार्यक्रम में वक्ता के मंच को ढकने के लिए नहीं किया जा सकता है। ये बात हर किसी को याद रखनी चाहिए।
-ध्वज संहिता के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज को अन्य झंडों या झंडों के साथ एक ही खंभे पर नहीं फहराया जाना चाहिए। इसके अलावा, विरूपित, खंडित, फटे या गंदे राष्ट्रीय ध्वज के प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।
राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने पर क्या सज़ा है?
संविधान के मुताबिक राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान है। यदि आप झंडे को उल्टा, फटा हुआ या विरूपित करते हुए पाए जाते हैं, तो राष्ट्रीय सम्मान अपमान निवारण अधिनियम, 1971 की धारा 2 में राष्ट्रीय ध्वज, संविधान और राष्ट्रगान जैसे भारतीय राष्ट्रीय प्रतीकों के अपमान को रोकने के उद्देश्य से सजा का प्रावधान है। इसके मुताबिक 3 साल तक की सजा, जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। इसलिए सभी को झंडा फहराते समय विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
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Wed, Aug 14 , 2024, 08:26 AM