Putrada Ekadashi : पुत्रदा एकादशी कब है? प्रीतियोग में होगी पूजा! जानिए मुहूर्त, अनुष्ठान और महत्व

Wed, Aug 14 , 2024, 01:39 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Sawan Putrada Ekadashi 2024: इस समय श्रावण का पवित्र महीना (holy month of Shravan) चल रहा है। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी (Ekadashi of Shukla Paksha) को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) कहा जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी का बहुत महत्व है। एक माह में दो बार एकादशी आती है। एक कृष्ण पक्ष में और एक शुक्ल पक्ष में। एक वर्ष में कुल 24 एकादशियाँ होती हैं। एकादशी का पवित्र दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा की जाती है। भगवान विष्णु की कृपा से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी तिथि, पूजा सामग्री, पूजा विधि और महत्व...

श्रावण के पवित्र महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी पर भक्त भगवान विष्णु की पूजा करेंगे। इस एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इस बार श्रावण मास की पुत्रदा एकादशी 16 अगस्त, शुक्रवार को है। पंचांग के अनुसार इस बार पुत्रदा एकादशी के समय प्रीतियोग का संयोग बन रहा है। माना जाता है कि श्रावण पुत्रदा एकादशी का व्रत पुत्र रत्न की प्राप्ति, पुत्र की रक्षा और समृद्धि के लिए किया जाता है।

पुत्रदा एकादशी का महत्व
हिंदू धर्म में पुत्रदा एकादशी का व्रत बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से संतान सुख और सुख की प्राप्ति होती है। जो विवाहित जोड़े संतान प्राप्ति की इच्छा रखते हैं उन्हें इस दिन व्रत रखना चाहिए। यदि कोई संतान की इच्छा से यह व्रत करता है तो उसे भगवान विष्णु की परम कृपा प्राप्त होती है। पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है। इस व्रत का धार्मिक महत्व है। ज्योतिषियों का कहना है कि पुत्रदा एकादशी साल में दो बार यानी पौष और श्रावण महीने में मनाई जाती है। परिवार की समृद्धि और खुशहाली के लिए यह व्रत महत्वपूर्ण है।

इस शुभ दिन पर व्रत करने से सभी प्रकार के पापों से छुटकारा मिल जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए किया जाता है। इस व्रत को करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, एकादशी का व्रत करने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।

पुत्रदा एकादशी मुहूर्त
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी 16 अगस्त को है। श्रावण पुत्रदा एकादशी 15 अगस्त को सुबह 10:26 बजे शुरू होगी। तो, यह शुक्रवार 16 अगस्त को सुबह 9:39 बजे समाप्त होगा। उदया तिथि के अनुसार भक्त 16 अगस्त को व्रत रखकर भगवान विष्णु की विधिपूर्वक पूजा कर सकते हैं। अगले दिन यानी 17 अगस्त को सुबह 5.51 से 8.5 बजे के बीच व्रत का समापन किया जाएगा। 

एकादशी व्रत पूजा साहित्य सूची-
श्री विष्णु की तस्वीर या मूर्ति, फूल, नारियल, सुपारी, फल, लौंग, धूप, दीपक, घी, पंचामृत, अक्षत, तुलसी के पत्ते, चंदन, नैवेद्य।

एकादशी व्रत पूजा विधि
सुबह जल्दी उठें और दैनिक कार्य करने के बाद स्नान करें। मंदिर में दीपक जलाना चाहिए। भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को फूल और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं। यदि संभव हो तो इस दिन व्रत रखना चाहिए। भगवान की आरती करनी चाहिए। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं। ध्यान रखें कि भगवान को केवल सात्विक चीजें ही अर्पित की जाती हैं। भगवान विष्णु को भोग लगाते समय तुलसी अवश्य शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु तुलसी के बिना भोजन ग्रहण नहीं करते हैं। इस शुभ दिन पर भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की भी पूजा करें। इस दिन जितना हो सके भगवान का ध्यान करें।

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