Teachings of Acharya Chanakya : हम सभी का सपना होता है कि हमारा अपना घर हो। लेकिन घर बनाने के लिए जगह चुनते समय हम कई बातों पर विचार करते हैं। इसमें घर कितना बड़ा होना चाहिए, कितने कमरे होने चाहिए, सूरज की रोशनी किस (sunlight will come) दिशा से आएगी आदि बातें शामिल हैं। लेकिन, प्राचीन भारतीय दार्शनिक आचार्य चाणक्य (Acharya Chanakya) के अनुसार, घर चुनते समय विचार करने के लिए और भी महत्वपूर्ण बातें हैं।
लोकयात्रा भयं लज्जा दाक्षिण्यं त्यागशीलता।
पञ्च यत्र न विद्यन्ते न कुर्यात्तत्र संगतिम् ॥
चाणक्य नीति (Chanakya Niti) के अनुसार घर के लिए जगह चुनते समय हमें उस क्षेत्र के लोगों के चरित्र, उनके व्यवहार और उनके रहन-सहन पर विचार करना होता है। चाणक्य कहते हैं, ''घर बनाने का स्थान ऐसा होना चाहिए जहां आपका परिवार सुखी रहे। जहां लोग आपके परिवार की परवाह न करते हों, जहां दया, करूणा और क्षमा जैसे गुणों का अभाव हो, वहां अपना घर न बनाएं। ऐसी जगह पर रहना चाहिए।" तुम्हें मानसिक शांति नहीं मिलेगी, ऐसे स्थान पर अपना घर बनाओ जहां सद्गुणों को महत्व दिया जाता हो और लोगों में एकता और भाईचारा हो।''
चाणक्य आगे कहते हैं, ''जहां आपराधिक माहौल (criminal environment) हो, जहां कानून-व्यवस्था टूटी हो, वहां रहना खतरनाक है। अपना घर ऐसी जगह बनाएं जहां सुरक्षा अच्छी हो और आप अपने परिवार के साथ सुरक्षित रह सकें।” चाणक्य के अनुसार घर के लिए जगह चुनते समय हमें उस क्षेत्र के पानी, हवा और अन्य बुनियादी सुविधाओं का भी ध्यान रखना होता है। स्वस्थ जीवन के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छ वायु आवश्यक है।
चाणक्य नीति के अनुसार घर के लिए जगह चुनते समय हमें सिर्फ भौतिक चीजों के बारे में ही नहीं बल्कि अपनी मानसिक शांति के बारे में भी सोचना चाहिए। अच्छे वातावरण में रहने से हमारा जीवन सुखी और समृद्ध बनता है। हम जिस स्थान पर रहते हैं उसका हमारे व्यक्तित्व, हमारे विचारों और हमारी भावनाओं पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। इसलिए हमें घर के लिए स्थान चुनते समय चाणक्य नीति के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।
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Fri, Aug 09 , 2024, 08:06 AM