Geeta Updesh: बुरे कर्म मन पर बोझ हैं; भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता में क्या उपदेश दिया?

Fri, Aug 09 , 2024, 08:04 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Gita Updesh in Hindi: श्रीमद्भागवत गीता (Shrimad Bhagwat Gita) में भगवान कृष्ण (Lord Krishna) की शिक्षाओं का वर्णन है। गीता का यह उपदेश श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन (Shrimad Bhagwat Gita) को दिया था। गीता में दिए गए उपदेश आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं और मनुष्य को जीवन जीने का सही रास्ता दिखाते हैं। गीता के वचनों (words of the Gita) को जीवन में अपनाने से व्यक्ति खूब तरक्की करता है। गीता ही एकमात्र ऐसा धर्मग्रंथ है जो मनुष्य को जीना सिखाता है। गीता जीवन में धर्म, कर्म और प्रेम का पाठ पढ़ाती है। गीता में श्रीकृष्ण ने बताया है कि जीवन में समस्याएं क्यों आती हैं और उनका समाधान क्या है। इस समय भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को एक बहुमूल्य उपदेश दिया है।

भगवान कृष्ण ने क्या कहा?

  • गीता में श्रीकृष्ण कहते हैं कि बुरे कर्म मन पर बोझ ढोने के समान हैं, इसे हमेशा याद रखना चाहिए। इसलिए अपने मन को हमेशा बुरे विचारों से दूर रखें और उनकी जगह अच्छे विचारों को अपनाएं।
  • गीता में लिखा है कि हर इंसान के पास सीमित समय है। इसलिए उस समय को किसी और का जीवन जीने में बर्बाद मत करो।
  • गीता कहती है कि हर व्यक्ति को अपना कर्म सोच समझकर करना चाहिए। क्योंकि भविष्य में हमें अपने कर्मों के अनुसार ही परिणाम भुगतना पड़ता है।
  •  श्रीकृष्ण कहते हैं कि प्रेम ही इस जीवन का आधार है। जिस व्यक्ति के जीवन में प्रेम है, उसके जीवन में शांति है। क्योंकि शांति वहीं है जहां प्रेम है। अगर जीवन में प्यार नहीं है तो बहुत कुछ पाकर भी संतुष्टि नहीं मिलती है।
  •  जैसा कि गीता उपदेश देती है, जीवन में एकमात्र समस्या हमारी गलत सोच है। सही ज्ञान ही हमारी सभी समस्याओं का अंतिम समाधान है। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि मनुष्य को अपने मन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि मन इंसान को बार-बार धोखा देता है। प्रत्येक मनुष्य का परम कर्तव्य होना चाहिए कि वह मन की बजाय कर्म पर ध्यान दे।
  • गीता में लिखा है कि जब मनुष्य के मन में अहंकार, ईर्ष्या और नफरत घर कर जाती है तो उसका पतन निश्चित है। ये सभी प्रवृत्तियाँ व्यक्ति को अंदर ही अंदर रेगिस्तान की तरह खोखला बना देती हैं।
  •  श्रीकृष्ण कहते हैं कि यह शरीर युद्धभूमि है। शरीर में दो सेनाएं हैं, एक पांडव यानी पुण्यात्मा और एक कौरव यानी पापी। मनुष्य सदैव इन दोनों के बीच फंसा रहता है।

 

Latest Updates

Latest Movie News

Get In Touch

Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.

Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265

info@hamaramahanagar.net

Follow Us

© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups