Nag Panchami 2024 Date:  हिन्दुओं के लिए बेहद खास है श्रावण माह!  कब है नाग पंचमी, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व 

Thu, Aug 08 , 2024, 02:37 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Nag Panchami 2024: श्रावण महीना हम हिन्दुओं के लिए बेहद खास होता है। हर वर्ष श्रावण माह (month of Shravan) के शुक्ल पक्ष (Shukla Paksha) की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में नाग पंचमी (Nag Panchami) के त्योहार का खास महत्व है। इस साल नाग पंचमी का त्योहार 9 अगस्त 2024 शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। इस दिन नाग देवता की पूजा करने से सारी समस्याओं से मुक्ति (relief from all problems) मिलती है। नाग पंचमी सावन के महीने में मनाई जाती है। सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम महीना माना गया है। इस वर्ष नाग पंचमी के दिन कई तरह के दुर्लभ योग बन रहे हैं। आपको बता दें कि इस बार नाग पंचमी पर 5 तरह के दुर्लभ संयोग बनने जा रहे हैं। नाग पंचमी के दिन नाग देवता विधिवत पूजा की जाती है और उन्हें दूध चढ़ाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से नाग दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही जो भी इस दिन नाग देवता की पूजा करता है, उसकी मृत्यु कभी सांप के काटने से नहीं होती है। आइए जानते हैं नाग पंचमी की पूजा विधि एवं शुभ मुहूर्त और जानें क्या है महत्व?

नाग पंचमी महत्व ( Nag Panchami Importance)
 नाग पंचमी के दिन नाग पूजा का बहुत महत्व है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा करते हैं, वे सांप के काटने से सुरक्षित रहते हैं। मान्यता है कि इस दिन नाग को दूध से स्नान कराकर उसकी पूजा की जा सकती है और नाग को दूध पिलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस दिन घर के प्रवेश द्वार पर सांप की मूर्ति बनाने की परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि यह घर को सांप के प्रकोप से बचाता है। हिंदू मान्यता के अनुसार प्राचीन काल से ही सांपों को देवता के रूप में पूजा जाता रहा है।

 पूजा का शुभ मुहूर्त 
नाग पंचमी 9 अगस्त की सुबह 5 बजे से लेकर 8 बजे तक रहेगा। इस दिन पूजा के लिए 3 घंटे की अवधि मिलेगी। इस समय में पूजा करना शुभ फलदायी होगा।

नाग पंचमी पूजा विधि ( Nag Panchami Puja Vidhi)
पूजा के लिए लकड़ी के चौकी पर सांप की मिट्टी की प्रतिमा या मूर्ति रखी जाती है। फिर हल्दी, रोली (लाल सिन्दूर), चावल और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा की जाती है। फिर कच्चा दूध, घी और चीनी मिलाकर लकड़ी के पटरे पर बैठे नाग देवता को अर्पित किया जाता है। पूजा के बाद नाग देवता की आरती की जाती है। नाग पंचमी की कथा अवश्य सुननी चाहिए। इस व्रत के देवता आठ नागों को माना जाता है। इस दिन अनंत, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक आठ नागों की पूजा की जाती है। चतुर्थी के दिन एक समय भोजन करें और पंचमी के दिन व्रत करके शाम को एक समय भोजन करें।

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