Astro Rules : क्या आपके घर के मंदिर में है शिवलिंग? ध्यान रखें कि घर में शिवलिंग रखने के अलग-अलग हैं नियम, इन नियमों को ध्यान दें  

Thu, Aug 08 , 2024, 01:49 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Rules for worshiping Shivling : हिंदू धर्म (Hinduism) में बहुत से लोग ऐसे हैं जो घर में शिवलिंग स्थापित (install Shivling) करते हैं। कई लोगों के मंदिर में शिवलिंग होता है। अगर घर में शिवलिंग है तो उसकी पूजा के कुछ नियम होते हैं। अगर घर में शिवलिंग है तो नियमित पूजा से कई लाभ मिलते हैं। सबसे खास बात तो यह है कि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा (positive energy) फैलती है। ऐसे में बहुत से लोग घर में शिवलिंग की स्थापना करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि घर में शिवलिंग की पूजा (worship Shivling) कैसे की जाती है? आइए जानते हैं शिवलिंग पूजा की विधि और नियम।

पूजा में उपयोग की जाने वाली सामग्री: पूजा के दौरान पूजा का पात्र, पांच प्रकार की मिठाई, बेलपत्र, धोती, भांग रखनी चाहिए। साथ ही पंचफल, दक्षिणा, गन्ने का रस, गंगाजल, दूध, दही, कपूर, धूप, दीप, रुई, शहद, घी, नैवेद्य और रुद्राक्ष की माला भी रखें।

शिवलिंग पूजन विधि: सबसे पहले आचमन करें। आचमन करते समय ऊँ केशवाय नम:, ऊँ नारायणाय नम:, ऊँ माधवाय नम:, ऊँ हृषिकेशाय नम: कहें। इस मंत्र का जाप करते समय अपने चेहरे को अंगूठे से पोंछ लें और ॐ गोविंदाय नमः मंत्र का जाप करते हुए अपने हाथ धो लें। शिवलिंग का अभिषेक गंगाजल या शुद्ध जल से करें। इसके बाद शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाना चाहिए। शिवलिंग पर बेलपत्र और फूल चढ़ाएं, संभव हो तो धतूरे का पुष्प भी शिवलिंग पर चढ़ाएं. पंचाक्षर मंत्र नमः शिव का 108 बार जाप करें। अगर समय कम है तो आप इस मंत्र का 21 बार जाप कर सकते हैं। इसके बाद भगवान शंकर की आरती करें। 

शिवलिंग पूजा के नियम: शिवलिंग को हमेशा साफ-सुथरा रखें। कभी भी अशुद्ध हाथों से शिवलिंग को न छुएं। मंदिर भी साफ-सुथरा होना चाहिए। शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं। इस पर आधारित एक पौराणिक कथा है, प्राचीन काल में तुलसी को वृंदा कहा जाता था। वृंदा का विवाह राक्षस से हुआ था। इस राक्षस का नाम शंखचूड़ था, कुछ स्थानों पर इसे जलंधर भी कहा जाता है। राक्षस राजा ने देवताओं को हरा दिया था, कोई भी देवता उसे नहीं मार सकता था। वृंदा पवित्र थी इसलिए शंखचूड़ अजय हो गया। उस समय भगवान विष्णु ने तुलसी का पति व्रत तोड़ दिया। इसके बाद शिवजी ने शंखचूड़ का वध कर दिया। इस वजह से भगवान शंकर पर तुलसी नहीं चढ़ाई जाती। शिव लिंग को कभी भी अकेला न रखें, शिव परिवार का चित्र अपने पास रखें। शिवलिंग की पूजा करते समय अपना मन एकाग्र रखें। 

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