जयपुर। राजस्थान में राजस्थान चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (RCCI) के अध्यक्ष डॉ. के. एल. जैन (Dr. K.L. Jain) ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) भारत का अब तक का सबसे बड़ा कर सुधार है, इसे तर्कसंगत बनाया जाना चाहिये। श्री जैन ने सोमवार को यहां जीएसटी की समस्याओं एवं उनके प्रस्तावित समाधान पर आयोजित संवाद सत्र (Interaction session organized) में सम्बोधित करते हुये कहा कि जीएसटी से व्यापारियों को पुरानी कर प्रणाली की अपेक्षा काफी लाभ हुआ है। एक राष्ट्र एक कर की अवधारणा साकार हुई है।
उन्होंने कहा कि जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाते हुये चार के स्थान पर तीन कर स्लैब करके पांच प्रतिशत, 15 प्रतिशत और 40 प्रतिशत रखी जानी चाहिये। पेट्रोल एवं डीजल को भी जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिये। श्री जैन ने कहा कि जीवन बीमा प्रीमियम या मेडिक्लेम पर लगने वाले टैक्स को समाप्त किया जाना चाहिये।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड के विशेष सचिव शशांक प्रिया ने कहा कि केन्द्र सरकार धीरे-धीरे जीएसटी को व्यापारियोें के हिताें के लिये सरलीकृत करने जा रही है। 328 वस्तुओं को जीएसटी की सबसे कम दर के अंदर रखकर आमजन को राहत प्रदान की गयी है।
उन्होंने बताया कि विवाद निवारण के लिये गठित केन्द्रीय जीएसटी काउंसिल शीघ्र ही कार्य करना आरंभ कर देगी।
वर्ष 2017-21 तक जो रिटर्न फाइल की गयी है, उनमें त्रुटि सुधार के लिये प्रावधान किये गये हैं, जिसमें अन्य रियायतों के साथ इनपुट टेक्स क्रेडिट भी मिल जायेगी।
श्री प्रिया ने बताया कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के लिये केन्द्र के साथ साथ राज्यों से भी विचार विमर्श चल रहा है क्योंकि इससे राज्यों का राजस्व प्रभावित होता है। रिफंड प्रदान करने के नियमों में भी बदलाव किया गया है, अब मात्र 30 दिनों में रिफंड दिया जाता है।
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Mon, Aug 05 , 2024, 06:42 AM