NIH reports: युवा पीढ़ी को बर्गर, पिज्जा, चाउमीन और पेस्ट्री या केक जैसे फास्ट फूड बहुत पसंद हैं। इन्हें अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड माना जाता है। प्रोसेस्ड और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ इतने स्वादिष्ट होते हैं कि एक बार जब आप इन्हें खाना शुरू कर देंगे तो आप इन्हें खाना बंद नहीं कर पाएंगे लेकिन इसका स्वास्थ्य पर दूरगामी प्रभाव पड़ता है। इसलिए डॉक्टर ऐसे आहार से दूर रहने की सलाह देते हैं। एनआईएच की रिपोर्ट है कि अल्ट्रा-प्रोसेस्ड भोजन खाने से 55 प्रतिशत मोटापा बढ़ता है। 41 प्रतिशत स्लीप डिसऑर्डर का खतरा, 40 प्रतिशत टाइप-2 डायबिटीज का खतरा और 20 प्रतिशत डिप्रेशन का खतरा रहता है। प्रोसेस्ड फूड समय से पहले बूढ़ा होने का कारण बनता है। इसलिए डॉक्टरों ने इससे दूर रहने को कहा है।
प्रसंस्कृत भोजन का स्वास्थ्य पर प्रभाव:
प्रसंस्कृत भोजन में कई प्रकार के मिठास, रंग, गाढ़ेपन और योजकों का उपयोग किया जाता है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ आंत के माइक्रोबायोटा को असंतुलित कर देते हैं। इससे सूजन का खतरा भी बढ़ जाता है। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ खाने के विकारों को भी बढ़ाते हैं। इससे सूजन, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याएं होने लगती हैं। प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ मस्तिष्क की कार्यप्रणाली पर भी बड़ा नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
1. मधुमेह का खतरा बढ़ना
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में वसा और शर्करा की मात्रा अधिक होती है, जिसका स्वास्थ्य पर भारी प्रभाव पड़ता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जो लोग अपने आहार का 22% तक प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ खाते हैं, उनमें मधुमेह का खतरा अधिक होता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, जो लोग सप्ताह में 2-3 बार जंक फूड खाते हैं, उनमें इंसुलिन का खतरा बढ़ जाता है प्रतिरोध।
2. वजन बढ़ना
अत्यधिक चीनी, वसा और कार्ब्स वाले अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थ खाने से शरीर में कैलोरी बढ़ती है, जिससे मोटापे का खतरा बढ़ जाता है। परिष्कृत कार्ब्स, अतिरिक्त शर्करा और ट्रांस और संतृप्त वसा का अत्यधिक सेवन हार्मोनल असंतुलन में योगदान देता है। इससे शरीर में आलस्य और वजन बढ़ने की समस्या बढ़ जाती है। रोजाना प्रोसेस्ड फूड खाने से जीवनशैली संबंधी विकार जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
3. हार्ट अटैक की समस्या
प्रोसेस्ड फूड में अतिरिक्त वसा शरीर में हृदय रोग जैसी समस्याओं को बढ़ाती है। दिल का दौरा, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसे खतरे बढ़ जाते हैं। खान-पान की लत शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ा देती है। और दिल का दौरा, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ जाता है। हार्वर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट में पाया गया कि 10 वर्षों तक दिन में चार बार प्रसंस्कृत भोजन का सेवन करने वाले 20,000 लोगों में से 62 प्रतिशत हृदय की समस्याओं से पीड़ित थे।
4. बार-बार कुछ खाने की इच्छा होना
प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों में अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी, तेल, रसायन और नमक की मात्रा अधिक होती है। इसलिए खाने के बाद भी भूख महसूस होती है। लगातार कुछ न कुछ खाने की इच्छा को ईटिंग डिसऑर्डर(eating disorder) कहा जाता है। इसका असर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
5. मेटाबॉलिज्म पर असर
कार्ब्स खाने से शरीर में कैलोरी की मात्रा बढ़ती है। यह पाचन विकार, सूजन और पेट दर्द, एसिडिटी को बढ़ाता है। चीनी युक्त पेय, सफेद ब्रेड और चिप्स और वेफर्स खाने से पाचन पर बड़ा प्रभाव पड़ सकता है। शरीर में बैक्टीरिया का स्तर बढ़ने से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं हो सकती हैं।
6. त्वचा संबंधी प्रमुख समस्याएं
मीठा, तैलीय और रिफाइंड कार्ब्स खाने से त्वचा पर सीबम का स्राव बढ़ जाता है। इससे चेहरे पर उम्र के धब्बे दिखाई देने लगते हैं। तैलीय त्वचा की समस्या बढ़ जाती है। रोजाना प्रोसेस्ड फूड का सेवन करने से त्वचा पर जल्दी बुढ़ापे के लक्षण दिखने लगते हैं, जिससे हम कम उम्र में ही बूढ़े दिखने लगते हैं।
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Mon, Aug 05 , 2024, 08:41 AM