Nag Panchami 2024: वैदिक पंचांग(Vedic calendar) के अनुसार नागपंचमी(Nag Panchami) हर वर्ष श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। ऐसे में इस साल नागपंचमी शुक्रवार (9 अगस्त) को मनाई जाएगी. यह तिथि भगवान शंकर की पूजा के साथ-साथ नाग देवता की पूजा के लिए भी समर्पित मानी जाती है।
ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे खास मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो पूरे साल बंद रहता है और सिर्फ नागपंचमी के दिन ही खुलता है.
कब खुलेगा नागचंद्रेश्वर मंदिर?
नागपंचमी के अवसर पर नागचंद्रेश्वर(Nagchandreshwar temple) के पट 8 अगस्त की रात 12 बजे खोले जाएंगे और 9 अगस्त की रात 12 बजे तक खुले रहेंगे।
ऐसे में श्रद्धालु 24 घंटे नागचंद्रेश्वर के दर्शन कर सकेंगे. ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त इस मंदिर के दर्शन करता है उसे सर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है। इसीलिए मंदिर खुलने पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
क्या है नागचंद्रेश्वर मंदिर की विशेषता?
नागचंद्रेश्वर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के शिखर पर विराजमान हैं। यहां नाग देवता की एक भव्य मूर्ति स्थापित है, जो 11वीं शताब्दी की बताई जाती है। यह भी कहा जाता है कि नागचंद्रेश्वर की यह मूर्ति नेपाल से भारत लाई गई थी।
इस मूर्ति में नाग देवता ने अपना फन फैला रखा है और उनके ऊपर शिव और पार्वती विराजमान हैं। यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां भगवान विष्णु की जगह भगवान भोलेनाथ नाग पर विराजमान हैं। इस मंदिर के दरवाजे साल में केवल 24 घंटे खुले रहते हैं। नागपंचमी पर नागचंद्रेश्वर की तीन बार पूजा की जाती है।
नागचंद्रेश्वर मंदिर केवल एक बार ही क्यों खुलता है?
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार सांपों के राजा तक्षक ने भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की। इस तपस्या से भोलेनाथ प्रसन्न हुए और नागों के राजा तक्षक को अमरता का वरदान दिया। इसके बाद तक्षक नाग भगवान शंकर के सान्निध्य में रहने लगे।
लेकिन महाकाल वन में बसने से पहले, सर्प राजा तक्षक अपने एकांत में कोई व्यवधान नहीं चाहते थे। इसीलिए वे केवल नागपंचमी के अवसर पर ही प्रकट होते हैं।
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Mon, Aug 05 , 2024, 07:48 AM