Religious beliefs: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्रावण मास महादेव (Shravan month Mahadev) को समर्पित है। इसलिए इस माह में शिव मंदिरों (Shiva temples) में भक्तों का तांता लगा रहता है। महादेव की पूजा में बेलपत्र अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता है। क्योंकि बेलपत्र महादेव को विशेष प्रिय माना जाता है। इसीलिए ज्योतिषी सलाह देते हैं कि श्रावण के कुछ खास दिनों में गलती से भी बेलपत्र (Belpatra) न तोड़ें।
श्रावण मास से त्यौहारों की शुरूआत हो जाती है। इस दौरान महादेव की पूजा में इस्तेमाल करने के लिए बेलपत्र को काटना पड़ता है, लेकिन इसे काटने को लेकर ज्योतिष में कुछ नियम बताए गए हैं। इनका पालन करना जरूरी है।
नैनीताल के ज्योतिषाचार्य पंडित प्रकाश जोशी (Astrologer Pandit Prakash Joshi) का कहना है कि बेलपत्र काटने से पहले सबसे पहले इसके पेड़ की पूजा करनी चाहिए। 3 और 5 पत्तों वाला बेलपत्र बिना तोड़े ऊं नम: का जाप करने के बाद महादेव का स्मरण करना चाहिए। बेलपत्र को कभी भी शाखा से नहीं काटना चाहिए। ध्यान दें, कहा जाता है कि बेलपत्र में साक्षात महादेव की सुगंध आती है। इसलिए इस काम को करने से पहले आपको नहाना चाहिए।
ज्योतिषियों ने बताया कि अगर बेलपत्र तोड़ते समय गलती हो गई तो हमारी अगली पूरी पूजा व्यर्थ हो सकती है। तो सावधान रहो। श्रावण मास की चतुर्दशी, चतुर्थी, नवमी, अमावस्या, अष्टमी और सोमवार के दिन भूलकर भी बेलपत्र न तोड़ें। साथ ही ज्योतिषियों ने बेलपत्र को सूर्योदय से पहले और सूर्यास्त के बाद न काटने की सलाह दी है।
इस बीच श्रावण मास का ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व है। पूरा महीना महादेव को समर्पित है, लेकिन श्रावणी सोमवार को विशेष माना जाता है क्योंकि सोमवार को महादेव का वार माना जाता है। इसके अलावा स्वर्ण योग यानी इस साल का श्रावण सोमवार 5 अगस्त से शुरू होगा। इसलिए इस वर्ष श्रावण मास का विशेष महत्व हो गया है।
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Tue, Jul 30 , 2024, 09:17 AM