मुंबई: क्या आपको भी मीठा पत्ता खाना पसंद है? क्या आप जानते हैं इस पत्ते में मिठास के लिए क्या प्रयोग किया जाता है? गुलकंद का उपयोग पत्तियों में मिठास के लिए किया जाता है। गुलकंद का शाब्दिक अर्थ है- गुल का अर्थ है गुलाब और कंद का अर्थ है मीठा। न्यूट्रिशनिस्ट ऋजुता दिवेकर इसे सुपरफूड मानती हैं। पेट की समस्याओं के लिए गुलकंद अच्छा माना जाता है. गुलकंद देशी गुलाब की पंखुड़ियों और चीनी से बनाया जाता है। कुछ लोग इसे गुलाब जैम के नाम से भी जानते हैं. दिमाग की थकान और तनाव दूर करने के लिए भी गुलकंद बहुत अच्छा माना जाता है। इसकी तासीर ठंडी होती है और इसके सेवन से दिमाग की नसों को आराम मिलता है। गुलकंद सिर्फ पत्ते तक ही सीमित नहीं है बल्कि कई भारतीय व्यंजनों का स्वाद बढ़ाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
गुलकंद कैसे बनाएं?
250 ग्राम ताजी गुलाब की पंखुड़ियां लें. इसे पानी से अच्छे से धोकर कपड़े पर सुखा लें. इसे पंखे के सामने कपड़े पर कुछ देर के लिए फैला दें ताकि सारी पंखुड़ियां सूख जाएं. 500 ग्राम चीनी लेकर उसका चूर्ण बना लीजिये. गुलाब की पंखुड़ियाँ डालें. साथ ही इसमें एक चम्मच इलायची पाउडर और आधा चम्मच सौंफ पाउडर भी मिला लें. इस मिश्रण को कांच के जार में डालकर 10-12 दिनों के लिए धूप में रख दें ताकि चीनी पिघल जाए और गुलाब की पंखुड़ियों में अच्छी तरह मिल जाए. इसके बाद सबसे अच्छा गुलकंद तैयार हो जायेगा.
गुलकंद का उपयोग कैसे करें?
1) आप गुलकंद में थोड़ा सा काजू पाउडर और बादाम आदि मिलाकर ब्रेड पर जैम की तरह लगा सकते हैं. इसके अलावा आप गुलकंद में नारियल का पाउडर मिलाकर बच्चों के लिए मीठे और कुरकुरे पराठे बना सकते हैं. बच्चे और वयस्क सभी इसे चाव से खाएंगे.
2) ठंडी खीर में गुलकंद को थोड़े से दूध में पीसकर मिला लें. इससे खीर का स्वाद बढ़ जाएगा. लेकिन खुशबू भी लाजवाब होगी.
3) काजू मखाना रोल बनाते समय आप बीच में गुलकंद भर सकते हैं. ये देखने में भी अच्छा लगेगा और स्वाद भी अच्छा आएगा.
4) मिल्कशेक, लस्सी या शर्बत बनाते समय इसमें थोड़ा सा गुलकंद मिलाने से स्वाद बेहतर आता है.
5) ठंडे पानी में थोड़ा गुलकंद, थोड़ा नींबू का रस, शहद और जीरा मिलाकर पिएं. उमस और गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य अच्छा रहेगा.
6) ठंडे दूध या दही में थोड़ा गुलाब सिरप और गुलकंद मिलाएं और फिर एक कटोरे में ऊपर से पीनट बटर डालकर मिठाई की तरह परोसें.
7) नारियल के लड्डू बनाते समय लड्डू के बीच में गुलकंद और मूंगफली भरें. -लड्डू का स्वाद और पोषण दोनों बढ़ जाएंगे.
यह याद रखना'!
गुलकंद, चाहे बाजार से खरीदा गया हो या घर पर बनाया गया हो, इसकी शेल्फ लाइफ लंबी होती है. बस याद रखें कि गुलकंद को जार से निकालते समय सूखे चम्मच का इस्तेमाल करें. अगर इस गुलकंद को एयरटाइट डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखा जाए तो इसे छह महीने तक आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है.
'इन' समस्याओं से पाएं राहत!
> आयुर्वेद में गुलकंद को सर्वोत्तम औषधियों में से एक माना गया है। गुलकंद के नियमित सेवन से कब्ज और पेट की बीमारियों से राहत मिलती है। अगर कब्ज की समस्या है तो नियमित रूप से रात को सोने से पहले आधा से एक चम्मच गुलकंद गुनगुने पानी या दूध के साथ लें।
> गर्मी के दिनों में अक्सर कुछ लोगों को नकसीर फूटने की समस्या हो जाती है। गुलकंद का सेवन करने से इस समस्या से राहत मिलती है।
> मुंह में गर्मी होने पर गुलकंद खाना फायदेमंद होता है। इससे पित्त कम होता है और सूजन बंद हो जाती है।
> रात को सोते समय गुलकंद वाला दूध पीने से अच्छी नींद आती है। क्योंकि इससे मन शांत होता है. यह तनाव और थकान से भी राहत दिलाता है।
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Mon, Jul 22 , 2024, 08:00 AM