मुंबई: आचार्य चाणक्य ने अपनी पुस्तक नीतिशास्त्र में जीवन के सभी पहलुओं से जुड़े सवालों के सटीक जवाब दिए हैं। उन्होंने नीतिशास्त्र में स्वभाव, गुण, धर्म, पाप, प्रगति, करियर, रिश्ते और धन आदि से संबंधित नीतियों का वर्णन किया। लोग आज भी इन रणनीतियों का पालन करके सफलता प्राप्त करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि कई लोगों को आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करना मुश्किल लगता है। लेकिन जो लोग इसे एक बार स्वीकार कर लेते हैं उन्हें कभी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता। चाणक्य की नीतियां जीवन को दिशा देंगी। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक में कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताया है, जो जल्द ही नष्ट हो जाती हैं। यहां जानें क्या हैं ये चीजें।
नदीतिरे च ये वृक्षाः परगेहेषु कामिनी।
मन्त्रहीनाश्च राजनः शीघ्रं नश्यन्त्यसंशयम् ।।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि जो वृक्ष नदियों के किनारे पैदा होते हैं, जो स्त्री दूसरे के घर में रहती है और जिस राजा के मंत्री अच्छे नहीं होते, वे शीघ्र ही नष्ट हो जाते हैं।
कोई नहीं बता सकता कि नदी किनारे के पेड़ों का जीवन काल कितना लंबा हो सकता है। क्योंकि बाढ़ और तूफ़ान के दौरान नदियाँ न केवल अपने किनारे के पेड़ों को बल्कि आसपास की फसलों और बस्तियों को भी नष्ट कर देती हैं। इसलिए, नदी के किनारे के पेड़ जल्दी नष्ट हो सकते हैं।
इसी प्रकार पराये घर में रहने वाली स्त्री कब तक अपने को बचा सकती है? उसे घर छोड़ना पड़ सकता है या कष्ट सहना पड़ सकता है। अर्थात् एक प्रकार से वह शीघ्र ही नष्ट भी हो जाता है। साथ ही, जिस राजा के पास कोई योग्य मंत्री न हो वह कब तक अपने राज्य की रक्षा कर सकता है? एक राजा को अपना राज्य अच्छे से चलाने के लिए अच्छे मंत्रियों की आवश्यकता होती है। जब ये मंत्री राजा को सही सलाह देते हैं, तो राजा भी सही निर्णय ले सकता है और राज्य को बनाए रख सकता है। लेकिन यदि मंत्री अच्छे न हों तो राजा भी अधिक समय तक टिक नहीं पाता। इसका मतलब है कि वे सभी जल्द ही नष्ट हो जायेंगे।
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Wed, Jul 10 , 2024, 07:45 AM