Durga Ashtami 2025: दुर्गा अष्टमी कब है - 29 या 30 सितंबर? पूजा विधि और महत्व!

Mon, Sep 29 , 2025, 12:53 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Durga Ashtami 2025 Date and Time: नवरात्रि का आठवां दिन, दुर्गा अष्टमी, नौ दिवसीय त्योहार के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। इसे महा अष्टमी भी कहा जाता है और यह पूरे भारत में, खासकर गुजरात, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली और बिहार में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। महा अष्टमी की शुरुआत महास्नान और षोडशोपचार पूजा से होती है, जो प्राण प्रतिष्ठा को छोड़कर महा सप्तमी पूजा के समान ही होती है।

दुर्गा अष्टमी की तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में जानने के लिए नीचे पढ़ें।

दुर्गा अष्टमी 2025: तिथि
इस वर्ष, दुर्गा अष्टमी मंगलवार, 30 सितंबर को है। यह नवरात्रि का आठवां दिन है, जो देवी महागौरी की पूजा के लिए समर्पित है। पौराणिक संध्या पूजा भी महा अष्टमी को ही होती है।

दुर्गा अष्टमी 2025: शुभ मुहूर्त
29 सितंबर को शाम 04:31 बजे से 30 सितंबर को शाम 06:06 बजे तक अश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि रहेगी। भक्त इस समय को देवी दुर्गा की पूजा और प्रार्थना के लिए शुभ मानते हैं।

दुर्गा अष्टमी 2025: पूजा विधि
नवरात्रि के आठवें दिन देवी दुर्गा की पूजा करने के लिए इन आसान चरणों का पालन करें:

स्नान और संकल्प: दिन की शुरुआत पवित्र स्नान से करें, साफ कपड़े पहनें और देवी की पूजा शुद्धता से करने का संकल्प लें।
पूजा स्थल तैयार करें: माँ दुर्गा की मूर्ति को पवित्र करें, उन्हें पारंपरिक वस्त्र पहनाएं और मूर्ति को लाल या पीले कपड़े पर रखें।
स्थल को सजाएं: एक साधारण रंगोली बनाएं और फूलों और दीपक से सजाएं।
कलश स्थापना और आवाहन: दिक पंचांग के अनुसार, देवी दुर्गा के नाम पर नौ छोटे कलश स्थापित किए जाते हैं और दुर्गा अष्टमी पर उनकी पूजा की जाती है।
भोग: कुमकुम या रोली से तिलक लगाएं, धूप और दीपक जलाएं और फूल, फल और मिठाई चढ़ाएं। कन्या पूजा: नौ छोटी लड़कियों को आमंत्रित करें, उनके पैर धोएं, उन्हें भोजन कराएं और उपहार और आशीर्वाद दें।
मंत्र जाप और आरती: दुर्गा सप्तशती के श्लोक, दुर्गा मंत्र, स्तुति और स्तोत्र का पाठ करें और भक्तिपूर्वक आरती करें।
भोग और प्रसाद: अपनी पसंद का भोग और पंचामृत देवी को चढ़ाएं। फिर, प्रसाद परिवार, कर्मचारियों या भक्तों में बांटें।

दुर्गा अष्टमी 2025: महत्व
नवरात्रि का आठवां दिन, जिसे महाअष्टमी भी कहा जाता है, हिंदू संस्कृति में बहुत महत्वपूर्ण है। भक्त इस दिन भव्य पूजा करके प्रगति, सुरक्षा, समृद्धि, सौभाग्य और अच्छे स्वास्थ्य के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।

मान्यता है कि इस दिन देवी दुर्गा ने भैसासुर नामक राक्षस का वध किया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उनकी पूजा करने से शांति, शक्ति, साहस और समृद्धि मिलती है और जीवन में बुरी शक्तियों और बाधाओं से सुरक्षा होती है। ऐसा माना जाता है कि उनके आशीर्वाद से जो लोग उनकी पूजा करते हैं, उन्हें सुख और समृद्धि मिलती है।

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