मुंबई: आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) ने नीति शास्त्र(Niti Shastra) में जीवन के विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया है। चाणक्य द्वारा बताई गई नीतियां आज भी बहुत फायदेमंद हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियों का पालन करना भले ही कठिन लगता हो, लेकिन वो सफल होती हैं। हमारे जीवन में ऐसे कई लोग होते हैं जो हमारे जीवन में सुख और दुख लेकर आते हैं। नीतिशास्त्र में आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों के बारे में बताया है, जो हमारे जीवन में केवल दुख ही लाते हैं। इनसे दूर रहना ही बेहतर है। यहां जानिए कौन हैं ये लोग।
मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टास्त्रीभरणेन च।
दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यवसीदति॥
इस श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने बताया है कि कौन से लोग हमारे जीवन में दुख लाते हैं। मूर्ख शिष्य को शिक्षा देने वाले इस श्लोक के अनुसार दुष्ट स्त्री के साथ रहना और विद्वान व्यक्ति को दुखी और बीमार लोगों के बीच रहना हमेशा दुखदायी होता है।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य कहते हैं कि गुरु और शिष्य का रिश्ता एक ताले और चाबी की तरह होता है। क्योंकि गुरु ही हमारी समस्याओं की कुंजी है, जो शिष्य को सफलता के मार्ग की कुंजी देता है। गुरु अपने शिष्यों को हर कठिन क्षण का सामना करने, उससे उबरने और जीवन की कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। लेकिन अगर किसी विद्वान व्यक्ति के पास ऐसा शिष्य आता है जो कुछ नहीं जानता और गुरु के बताए रास्ते पर चलता है तो ऐसे मूर्ख शिष्य से विद्वान व्यक्ति भी दुखी हो जाता है।
चाणक्य कहते हैं कि अगर किसी व्यक्ति को अच्छे जीवनसाथी का साथ नहीं मिलता है तो उसका पूरा जीवन दुखों से भरा होता है। एक अच्छी पत्नी अच्छे और बुरे समय में अपने पति का साथ देती है। लेकिन अगर जीवनसाथी उपयुक्त नहीं है तो जीवन में दुख ही दुख आएंगे। इसलिए ऐसे लोगों से हमेशा दूर रहना ही बेहतर है।
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Mon, Jul 08 , 2024, 02:01 AM