Yogini Ekadashi 2024 : योगिनी एकादशी पर न भूलें 'ये' चीजें! बड़ा नुकसान होगा

Sat, Jun 29 , 2024, 01:42 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Yogini Ekadashi 2024: हिंदू कैलेंडर (Hindu calendar) के अनुसार, एक वर्ष में 24 एकादशियां मनाई जाती हैं। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहा जाता है। हिंदू धर्म में आषाढ़ माह का विशेष महत्व है। साथ ही इस माह में कृष्ण पक्ष (Krishna Paksha) में आने वाली एकादशी का भी विशेष महत्व है। आषाढ़ चतुर्मास (Ashadh Chaturmas) का पहला महीना है। इसी महीने में योगिनी एकादशी (Yogini Ekadashi) मनाई जाने वाली है। हालांकि इस एकादशी का व्रत करना कठिन है, लेकिन यह उतना ही लाभकारी भी है। योगिनी एकादशी को मोक्षदायिनी एकादशी (Mokshadayini Ekadashi) भी कहा जाता है। वैदिक शास्त्रों (Vedic scriptures) के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत भगवान विष्णु (Lord Vishnu) के शयन से पहले किया जाता है। योगिनी एकादशी के बाद देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए शयन करते हैं।

एक वर्ष में कुल कितनी एकादशियाँ होती हैं?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, एक वर्ष में 24 एकादशियाँ (24 Ekadashis) मनाई जाती हैं। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की ग्यारहवीं तिथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी भगवान विष्णु की अत्यंत प्रिय तिथि है। इस दौरान भगवान विष्णु की तपस्या की जाती है। एकादशी के दौरान भक्तिभाव और विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से भक्तों को भगवान विष्णु के शुभ दर्शन प्राप्त होते हैं और उनके जीवन में समृद्धि आती है।

योगिनी एकादशी
वैदिक शास्त्रों के अनुसार, योगिनी एकादशी व्रत को उचित अनुष्ठान और तिथि के अनुसार करने से वांछित फल मिलता है। इस दिन सुबह उठकर स्नान ध्यान करें और भगवान विष्णु की पूजा करें और व्रत रखें। विशेष रूप से जो व्यक्ति योगिनी एकादशी का व्रत नियम के अनुसार पूरा करता है उस पर देवी लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) प्रसन्न होती हैं और धन की वर्षा करती हैं। शुभ लाभ पाने के लिए इस व्रत को पूरे भाव से करना चाहिए। साथ ही योगिनी एकादशी पर कुछ चीजों से परहेज करना होता है। योगिनी एकादशी के दिन अगर आप वो काम करते हैं तो आपको अशुभ फल मिलने की संभावना रहती है। आइए जानें आखिर क्या हैं वो चीजें। 

योगिनी एकादशी पर किन चीजों से बचना चाहिए?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार योगिनी एकादशी के दिन चावल खाना सख्त वर्जित है। योगिनी एकादशी के दिन चावल खाने से दोष लग सकता है। इसके अलावा भगवान विष्णु को चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में तुलसी के पत्ते (Tulsi leaves) भी जरूर शामिल करने चाहिए। लेकिन एकादशी से पहले तुलसी के पत्ते रख लें। इसके पीछे एक अहम वजह भी है। शास्त्रों के अनुसार तुलसी भी भगवान विष्णु की कृपा के लिए योगिनी एकादशी का व्रत करती हैं और इसलिए उस दिन तुलसी को जल देना, तुलसी के पत्ते काटना अशुभ होता है। इसके अलावा योगिनी एकादशी के दिन प्याज, लहसुन और अन्य तामसिक भोजन खाना भी अशुभ होता है। यदि आप एकादशी के दिन ये काम करते हैं तो आपको भगवान विष्णु का आशीर्वाद नहीं मिलेगा। आपको बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा। 

योगिनी एकादशी तिथि और मुहूर्त
इस वर्ष योगिनी एकादशी 2 जुलाई 2024 को मनाई जाएगी। दिलचस्प बात यह है कि योगिनी एकादशी कृतिका नक्षत्र में होगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, एकादशी 1 जुलाई 2024 को सुबह 10:26 बजे शुरू होगी, तो यह 2 जुलाई 2024 को सुबह 8:34 बजे समाप्त होगा। तिथि के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत 2 जुलाई को रखा जाने वाला है। 

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