HC on Hijab ban : आचार्य कॉलेज में हिजाब पर प्रतिबंध सही! बॉम्बे हाई कोर्ट ने चुनौती याचिका खारिज कर दी

Wed, Jun 26 , 2024, 03:25 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Chembur's Acharya Maratha College: स्कूल के 9 छात्रों ने इस फैसले के खिलाफ बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) में याचिका दायर की थी और कहा था कि चेंबूर के आचार्य मराठा कॉलेज (Chembur's Acharya Maratha College) ने ड्रेस कोड के जरिए हिजाब पर प्रतिबंध लगाकर हमारी धार्मिक भावनाओं का अपमान किया है। हालांकि, इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि स्कूल का ड्रेस कोड का फैसला (school's dress code decision) सही था। लड़कियों की ओर से कोर्ट में दी गई याचिका को कॉलेज ने खारिज कर दिया। स्कूल के वकील ने अदालत में दलील दी कि समान ड्रेस कोड (uniform dress code) लागू करने के लिए कॉलेज परिसर में प्रतिबंध लगाया गया था। कोर्ट ने इस दलील को स्वीकार कर लिया और याचिका खारिज कर दी। 

जानिए क्या है पूरा मामला ? 
चेंबूर में आचार्य मराठे कॉलेज (Acharya Marathe College in Chembur) ने कॉलेज परिसर में एक ड्रेस कोड लागू कर दिया था, जिसमें धार्मिकता दिखाने वाले कपड़े और चीजें पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसमें बुर्का, नकाब, हिजाब भी शामिल था। स्कूल के आदेश में आरोप लगाया गया कि मुस्लिम लड़कियाँ अपनी धार्मिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता और अधिकारों में कटौती कर रही हैं। स्कूल ने यह नियम पिछले अगस्त में लागू किया था। साथ ही इस नियम को मई में बढ़ा दिया गया था। 

स्कूल प्रशासन ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी छात्र एक जैसे दिखें और समानता की भावना को बढ़ावा देने के लिए कॉलेज में एक ड्रेस कोड लागू किया गया है। कॉलेज प्रशासन द्वारा लिए गए इस फैसले पर मुस्लिम और अन्य छात्रों ने नाराजगी जताई। हालांकि, कॉलेज प्रशासन अपने रुख पर कायम रहा। स्कूल के इस नियम के खिलाफ 9 लड़कियों ने बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) का दरवाजा खटखटाया। याचिकाकर्ता ने कहा कि कॉलेज द्वारा लगाया गया यह नियम हमारे धर्म का पालन करने के अधिकार, निजता के अधिकार और चुनने के अधिकार का उल्लंघन है। उन्होंने यह भी कहा कि यह प्रशासन मनमाना है। 

बॉम्बे हाई कोर्ट के जस्टिस ए.एस. जस्टिस चंदूरकर और जस्टिस राजेश पाटिल की पीठ ने मामले की सुनवाई की और याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता लड़कियों के वकीलों से पूछा कि कौन से धार्मिक अधिकारी कहते हैं कि हिजाब पहनना इस्लाम का अनिवार्य हिस्सा है। तो कोर्ट ने पूछा कि क्या कॉलेज प्रबंधन को भी हिजाब पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार है। 

कॉलेज की ओर से पेश वकील अनिल अंतूरकर ने कहा कि कॉलेज द्वारा लागू किया गया ड्रेस कोड सभी धर्मों के बच्चों के लिए है। ये फैसला सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ नहीं है। सभी धर्मों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य है। बच्चे कॉलेज में पढ़ने आते हैं। उन्हें भी ऐसा ही करना चाहिए। कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुना और 9 लड़कियों की याचिका खारिज कर दी। 

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