BJP Plan B: ... अजित पवार मुख्यमंत्री! विधानसभा अध्यक्ष ने सीएम शिंदे को अयोग्य ठहराया तो क्या है बीजेपी का प्लान बी?

Wed, Jan 10 , 2024, 12:10 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई. ​​महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra politics) में आज बड़ा दिन है. एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde group) के 16 और उद्धव ठाकरे के गुट के (Uddhav Thackeray's group) 14 विधायकों पर अयोग्यता मामले में आज फैसला आने वाला है. इस पृष्ठभूमि में, यदि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके विधायक अयोग्य घोषित हो जाते हैं, तो महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री कौन होगा?
उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस (Devendra Fadnavis) ने कल (मंगलवार) स्पष्ट किया, "विधानसभा अध्यक्ष (Assembly Speaker) जो भी निर्णय लेंगे, हमारी सरकार स्थिर रहेगी. हमारा गठबंधन कानूनी रूप से सही है. हमें उम्मीद है कि परिणाम हमारे पक्ष में होगा."
देवेन्द्र फड़णवीस के बयान के बाद बीजेपी ने एकनाथ शिंदे के खिलाफ फैसला आने पर प्लान बी (Plan B) तैयार कर लिया है. बीजेपी उसी हिसाब से रणनीति बनाएगी.
कुछ कानूनी विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर एकनाथ शिंदे को अयोग्य घोषित किया जाता है, तो उनके समूह के विधायकों और मंत्रियों को इस्तीफा देना होगा. तकनीकी तौर पर भी सरकार को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. नई सरकार बनाने के लिए हलचलें बढ़ेंगी. लेकिन उन्हें चिंता नहीं है क्योंकि बीजेपी के पास स्पष्ट बहुमत है. क्योंकि अजित पवार गुट ने एनसीपी में बगावत कर बीजेपी का समर्थन कर दिया था. अजित पवार ने कहा है कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है.
विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं. बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन जरूरी है. 2019 में बीजेपी ने 105 सीटें जीती थीं. अजित गुट के पास 40 विधायक हैं. ऐसे में महागठबंधन सरकार जरूरी संख्या जुटाने में सफल होती दिख रही है.
क्या होगा बीजेपी का प्लान बी?
मुख्यमंत्री कोई भी हो, राज्य में सत्ता बरकरार रखना बीजेपी के लिए जरूरी है. इसलिए प्रमुख नेताओं को तय करना होगा कि एकनाथ शिंदे की सीट किसे देनी है. अगर शिंदे अयोग्य घोषित होते हैं तो अजित पवार गुट का दबदबा कायम होना तय माना जा रहा है. यह भी कहा जा सकता है कि बीजेपी अजित पवार को नया मुख्यमंत्री बनाने पर सहमति दे सकती है.
तार-तार पर विधानसभा अध्यक्ष की कवायद-
अगर एकनाथ शिंदे के गुट के विधायक अयोग्य घोषित होते हैं तो अजित पवार के गुट के विधायकों की सदस्यता भी खतरे में पड़ जाएगी. इसलिए आज का फैसला देते समय राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) को काफी मेहनत करनी होगी.
यह सच है कि शिंदे और उद्धव गुट ने एक-दूसरे के खिलाफ याचिकाएं दायर की हैं, इसलिए अगर शिंदे गुट पात्र है तो उद्धव गुट अयोग्य हो जाएगा. यही नियम शिंदे ग्रुप पर भी लागू होगा. अगर शिंदे गुट अयोग्य हुआ तो उद्धव गुट को योग्य माना जाएगा. फिलहाल अयोग्य विधायक इस साल का विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. स्पीकर के फैसले के बाद अयोग्य करार दिया गया समूह 30 दिनों के भीतर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है. अगर कोर्ट फैसले पर रोक लगा दे तो राहत मिल सकती है.
व्हिप होगा निर्णायक-
इस बीच इस पूरे मामले में व्हिप निर्णायक है. महत्वपूर्ण यह होगा कि विधानसभा अध्यक्ष इसकी व्याख्या कैसे करते हैं और व्हिप देने की प्रक्रिया क्या होगी. स्पीकर के विश्लेषण के मुताबिक, चाहे ठाकरे गुट हो या शिंदे गुट, इन दोनों गुटों में से किसी एक पर इस चाबुक की मार पड़ेगी. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शिंदे गुट के व्हिप भरत गोगावले के व्हिप को अवैध करार दिया था.

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