० मुख्यमंत्री-विधानसभा अध्यक्ष की मुलाकात पर जताई आपत्ति
० राज्य प्रमुख से मिलने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं: नार्वेकर
महानगर संवाददाता
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) शिवसेना विधायकों की अयोग्यता मामले में बुधवार 10 जनवरी को फैसला सुनाएंगे, लेकिन इसके एक दिन पहले ही महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। शिवसेना यूबीटी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हलफनामा देकर अयोग्यता संबंधी याचिका पर फैसले से पहले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के बीच हुई बैठक पर आपत्ति जताई है। इधर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का कहना है कि ऐसा कोई आदेश नहीं है कि विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिका का निपटारा करते समय अन्य कार्य नहीं करने चाहिए। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे जो आरोप लगा रहे हैं, वे बेबुनियाद है और इससे पता चलता है कि इसके पीछे मकसद क्या है?
न्याय की उम्मीद कैसे करें: उद्धव
पूर्व मुख्यमंत्री और यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बांद्रा स्थित अपने आवास मातोश्री में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अगर न्यायाधीश (नार्वेकर) आरोपी से मिलने जाते हैं, तो हमें न्यायाधीश से क्या उम्मीद करनी चाहिए। नार्वेकर ने शिंदे के सरकारी आवास वर्षा में रविवार को मुलाकात की थी। इस मुलाकात पर हमने आपत्ति जताते हुए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। ठाकरे ने कहा कि चूंकि उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल मई में नार्वेकर को बागी शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला लेने का निर्देश दिया था, इसलिए अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री से दो बार मुलाकात की है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम उनसे किस तरह के न्याय की उम्मीद कर सकते हैं।
निर्णय प्रभावित करने के लिए लगाए गए आरोप: नार्वेकर
इधर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) को इस बात का अंदाज होना चाहिए कि वे किन कारणों से मुख्यमंत्री से मिल सकते हैं, फिर भी अगर वे इस तरह के आरोप लगा रहे हैं तो साफ है कि इसके पीछे मकसद क्या है। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई आदेश नहीं है कि विधानसभा अध्यक्ष को अयोग्यता याचिकाओं का निपटारा करते समय अन्य कार्य में नहीं करने चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष के रूप में विधानमंडल बोर्ड का काम होता है। इसके सदस्य मुख्यमंत्री होते हैं। एक विधायक होने के नाते अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करना मेरा कर्तव्य है। अगर मुझे राज्य के प्रमुख से मिलकर किसी समस्या का समाधान करना है तो मुझे किसी से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने ठाकरे के आरोप को निराधार बताते हुए कहा कि ये आरोप निर्णय लेने वाले पर दबाव बनाने और उसे प्रभावित करने के लिए लगाए जा रहे है। हालांकि मैं जो भी निर्णय लूंगा वह संविधान के प्रावधानों के अनुसार ही लूंगा।
मेरिट के आधार पर होगा फैसला: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार 10 जनवरी को आने वाले फैसले पर कहा कि यह मेरिट के आधार पर होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में बहुमत का महत्वपूर्ण है। हमारे पास पहले दिन से लोकसभा और विधानसभा में बहुमत है। ऐसे में केंद्रीय चुनाव आयोग ने हमें शिवसेना नाम और धनुष बाण चुनाव चिन्ह दिया। हमारी सरकार नियमों और संविधान के अनुसार स्थापित की गई थी, इसलिए विधायकों की अयोग्यता का फैसला योग्यता के आधार पर आएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा।
फैसले का सरकार पर नहीं पड़ेगा असर: फडणवीस
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि विधायकों की अयोग्यता मामले में विधानसभा अध्यक्ष का फैसला कुछ भी हो, उसका शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ेगा और सरकार स्थिर रहेगी। उन्होंने कहा कि महायुति सरकार कानूनी रूप से वैध है और उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष का फैसला विधायकों को न्याय प्रदान करेगा। फडणवीस ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष उचित और कानूनी रूप से न्यायसंगत फैसला करेंगे। हमारा पक्ष मजबूत है। हमारी सरकार कानूनी तौर पर मजबूत है। हमें उम्मीद है कि विधानसभा अध्यक्ष से हमें न्याय मिलेगा। हमारी सरकार कल भी स्थिर थी और कल भी स्थिर रहेगी।
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Tue, Jan 09 , 2024, 07:05 AM