मुंबई: गुणरत्न सदावर्ते (Gunaratna Sadavarte) ने कहा है कि राज्य सरकार (state government) शीतकालीन सत्र में मराठा आरक्षण (Maratha reservation) पर कोई कानून पारित नहीं कर पाएगी। मराठा समुदाय को आरक्षण देने को लेकर राज्य सरकार और अन्य की ओर से दाखिल क्यूरेटिव पिटीशन (curative petition) पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में होने वाली सुनवाई पर सबकी निगाहें टिकी हैं। हालांकि, गुणरत्न सदावर्ते ने यह भी दावा किया कि इस सुनवाई में कुछ खास नहीं होगा। वह मंगलवार को मुंबई में मीडिया से बात कर रहे थे।
महाराष्ट्र में अगर कोई कुछ भी सही करता है तो हम जैसे लोगों की गाड़ियां तोड़ दी जाती हैं। नेताओं को राजनीति करनी (Leaders should do politics) चाहिए। हालांकि, आज की तारीख में देश का संविधान सरकार को मराठा आरक्षण को लेकर कानून बनाने की इजाजत नहीं देता है। क्योंकि उन मानदंडों के अनुसार कोई मराठा आरक्षण कानून नहीं हो सकता, मैं 'डंके की चोट' पर कहता हूं। अगर राज्य सरकार सत्र में कुछ भी करने की कोशिश करेगी तो यह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना होगी। गुणरत्न सदावर्ते ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई में कुछ खास नहीं हुआ।
कल से शुरू हो रहा नागपुर शीतकालीन सत्र आरक्षण के मुद्दे पर अग्निपरीक्षा होगा। मुख्य मुद्दा यह रहने वाला है कि आरक्षण की गारंटी कौन और कैसे दे? मराठा समाज, धनगर समाज आरक्षण पर नजरें गड़ाए बैठा है। ओबीसी समुदाय सावधान है कि उसे अपने कोटे से आरक्षण न दिया जाए। हम आरक्षण देना चाहते हैं, किसी को कम नहीं करना चाहते। फिर सरकार कैसे सोचेगी कि कैसे देना है?
मराठा समाज को सतर्क रहना चाहिए: मनोज जारांगे
ग्रामीण इलाकों में ओबीसी और मराठा समुदाय एक साथ रहते हैं। कुछ लोग दो जातियों के बीच दरार पैदा कर दंगा भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए मराठा समाज को सतर्क रहना चाहिए। मनोज जारांगे पाटिल ने ओबीसी बनाम मराठा संघर्ष न भड़के इसका ध्यान रखने की अपील की। वह अकोला जिले के पातुर तालुका के चरणगांव में मराठा आरक्षण महासभा में बोल रहे थे। बैठक में उन्होंने मंत्री छगन भुजबल पर जमकर हमला बोला। भुजबल ने ओबीसी समुदाय के कार्यकर्ताओं को मराठा समुदाय के पोस्टर फाड़ने के लिए उकसाया। पुलिस का फोन आने के बाद हमने वहां के कार्यकर्ताओं से बात की। स्थिति तुरंत शांत हो गई। भुजबल राज्य में दंगे भड़काना चाहते हैं। इसलिए जारांगे ने कहा कि मराठा समुदाय को हिंसक आंदोलन जारी नहीं रखना चाहिए।
विदर्भ, मराठवाड़ा समेत कई इलाकों में मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण में शामिल किया जा रहा है। जारांगे ने अपनी दृढ़ राय व्यक्त करते हुए कहा कि छगन भुजबल कितना भी विरोध करें, साक्ष्य के आधार पर मराठा समुदाय को ओबीसी आरक्षण में शामिल किया जाएगा। कई लोगों ने मराठा समुदाय के लोगों के भरोसे पर सत्ता का आनंद लिया है। अब अगर इस समाज के लिए कुछ करने का समय आए तो सरकार को पीछे नहीं हटना चाहिए। जारंगे ने कहा कि विदर्भ और खानदेश के मराठों को एक साथ आकर लड़ने की जरूरत है।
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Wed, Dec 06 , 2023, 10:42 AM