अंग्रेजी के कारण लुप्त होती जा रही है अपनी भाषा  - राज्यपाल बैस 

Wed, Nov 15 , 2023, 07:29 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

जनजातीय महोत्सव पर बोले राज्यपाल बैस 
मुंबई।
राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) ने कहा कि अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव के कारण लोग अपनी भाषा से लगातार दूर जा रहे है.अगर ऐसे ही चलता रहा तो भविष्य में लोगो को जो मूल संस्कृति है वो नष्ट हो जाएगी। राज्यपाल बुधवार को  नंदुरबार में राज्य स्तरीय ‘जनजातीय गौरव दिवस एवं जनजातीय सांस्कृतिक महोत्सव’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। बैस ने कहा कि यदि हमारी भाषा  लुप्त हो गईं तो संस्कृति नष्ट हो जाएगी। इसलिए नई पीढ़ियों को मराठी, हिंदी, अंग्रेजी और अन्य भाषाओं को सीखने और बोलने की आवश्यकता है.. बैस ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदायों के योगदान का जश्न मनाने और उन्हें प्रेरित करने के लिए 15 नवंबर को “जनजाति गौरव दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। इस वर्ष आदिवासी विकास विभाग ने यह गौरव दिवस एवं सांस्कृतिक उत्सव 15 से 17 नवम्बर तक मनाने का निर्णय लिया गया  है। प्रधानमंत्री मोदी ने आदिवासी विकास के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। आज आदिवासी विकास विभाग के माध्यम से इन सभी योजनाओं और आदिवासी संस्कृति को जागृत किया जा रहा है। सरकार आदिवासियों को शिक्षित, कौशल और सशक्त बनाने के लिए मिलकर काम कर रही है। इस मौके पर राज्यपाल  ने  कहा कि केंद्र और राज्य सरकार के सामूहिक प्रयासों से आदिवासी भाई-बहन इतिहास की दिशा बदल देंगे और उनकी उपलब्धियां देश को गौरवान्वित करेंगी बैस ने कहा कि आदिवासी विकास विभाग 1 हजार से अधिक स्कूल संचालित कर रहा है. राज्य में 499 सरकारी आश्रम विद्यालय और 538 सरकारी सहायता प्राप्त आश्रम विद्यालय हैं। 73 ‘नमो स्कूल’ भी हैं, जो आज विज्ञान केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं। सुपर-50 कोचिंग कार्यक्रमों के माध्यम से आदिवासी छात्रों को जेईई और एनईईटी (JEE and NEET) परीक्षा के लिए तैयार किया जा रहा है। विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति मेस्को  जैसे संस्था  के माध्यम से प्रशिक्षण केंद्र, महाराष्ट्र राज्य परिवहन महामंडल  द्वारा आदिवासी युवाओं के लिए ड्राइविंग प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं।
 सबके विचारों और सपनों का महाराष्ट्र बनाया जाएगा-  एकनाथ शिंदे
कार्यक्रम में उपस्थित  मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार आदिवासी भाइयों के सर्वांगीण विकास और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने तथा सभी जातियों और जनजातियों के सपनों का महाराष्ट्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। आदिवासी भाइयों का गौरव बढ़ाते हुए उनके विकास के लिए आदिवासी गौरव दिवस और सांस्कृतिक महोत्सव जैसे अभियान के रूप में एक और कदम आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके लिए सबका साथ-सबका विकास का लक्ष्य रखने वाली केंद्र सरकार के काम हमें लगातार प्रेरणा दे रहे हैं। शिंदे ने  कहा कि राज्य सरकार भी आदिवासियों, किसानों और मजदूरों के लिए इसी भूमिका में काम कर रही है.सरकार आदिवासी भाइयों के सर्वांगीण विकास के लिए आदिवासी जिलों में शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य के साथ-साथ बुनियादी सुविधाओं को मजबूत करने के लिए सकारात्मक प्रयास कर रही है। आदिवासी भाइयों को आजादी और स्वाभिमान दिलाने वाले भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर हम राज्य के 17 आदिवासी बाहुल्य  जिलों के सभी आदिवासी मामलों और गांवों को मुख्य सड़कों से जोड़ने के लिए ‘भगवान बिरसा मुंडा जोड़ रास्ता  योजना’ लागू कर रहे हैं। इस योजना की कुल लागत 5 हजार करोड़ रुपये है और इस योजना के जरिए 6 हजार 838 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा. इस अवसर पर राज्य के  आदिवासी विकास मंत्री डॉ. विजय कुमार गावित, राहत और पुनर्वसन मंत्री अनिल पाटिल, सांसद हिना गावित ,राज्यपाल की सचिव श्वेता सिंघल, आदिवासी विकास विभाग के सचिव विजय वाघमारे सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे.

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