मराठा आरक्षण पर न दिए जाए भ्रामक बयान: शिंदे

Wed, Nov 08 , 2023, 08:08 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुख्यमंत्री की छगन भुजबल को सख्त हिदायत
मुंबई।
कैबिनेट मंत्री छगन भुजबल (Cabinet Minister Chhagan Bhujbal) के मराठा आरक्षण के विरोध और ओबीसी समाज के समर्थन में दिए गए बयान का असर बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में नजर आया। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने सहयोगी कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में छगन भुजबल को हिदायत दी कि वे ऐसे बयान न दें, जिससे जनता में भ्रम पैदा हो। इसके बाद भुजबल ने भी बेबाकी से अपना पक्ष रखा।
सूत्रों के अनुसार कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने सभी वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों को बाहर जाने को कहा। इसके बाद हॉल में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister Devendra Fadnavis), कैबिनेट मंत्री हसन मुश्रीफ, दिलीप वलसे पाटिल, धनंजय मुंडे, उदय सामंत, शंभूराज देसाई और अन्य मंत्री मौजूद थे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने छगन भुजबल के उस बयान पर आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने मराठा आरक्षण के खिलाफ बात कही थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को खतरे में डाले बिना मराठा समुदाय को अलग से आरक्षण देने का मुद्दा सर्वदलीय बैठक में पहले ही तय हो चुका है। इन सभी तथ्यों से अवगत होने के बावजूद छगन भुजबल के बयान से सरकार की छवि पर असर पड़ा है। मुख्यमंत्री के सुर सख्त होते देख छगन भुजबल ने भी अपने अंदाज में अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि ओबीसी कोटे से मराठा समुदाय को सीधे आरक्षण देने की भावना ओबीसी समुदाय में पैदा हुई है। बीड जिले में ओबीसी समुदाय के नेताओं को निशाना बनाया गया, विधायकों के घर जला दिए गए। इसी कारण उन्होंने ओबीसी समुदाय का पक्ष रखा। भुजबल के बाद कैबिनेट मंत्री धनंजय मुंडे ने भी बीड की घटना के मुद्दे पर संक्षिप्त टिप्पणी की।
क्या कहा था भुजबल ने
पिछले दिनों छत्रपति संभाजी नगर में छगन भुजबल ने कहा था कि वे मराठा आरक्षण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन छोटे ओबीसी घटकों के साथ अन्याय नहीं होने देंगे। भुजबल ने जातिवार जनगणना की मांग को दोहराया था। भुजबल ने कहा कि हम मराठा समाज के आरक्षण का विरोध नहीं कर रहे हैं, लेकिन यह आरक्षण अलग से दिया जाए, नहीं तो यह गरीब-ओबीसी घटकों के साथ अन्याय होगा। मैंने हमेशा अलग से आरक्षण की मांग का समर्थन किया है। कई बार विधानमंडल में अपना पक्ष भी रखा है। उन्होंने कहा कि जिस जालना जिले में अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद के सम्मेलन में तत्कालीन मुख्यमंत्री शरद पवार ने ओबीसी घटकों को आरक्षण देने की मांग की थी, उसी जालना जिले में ओबीसी आरक्षण को खत्म करने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि वे सरकार में रहते हुए भी इसके खिलाफ लड़ेंगे।

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