एक्सपोर्ट 7 फीसदी से बढ़ाकर 14 फीसदी करने का लक्ष्य
मुंबई। राज्य में निर्यात क्षेत्र को बढ़ावा देने, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आकर्षित कर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए राज्य की पहली निर्यात प्रोत्साहन नीति को कैबिनेट (Cabinet) बैठक में मंजूरी प्रदान की गई। इससे राज्य में लगभग 25,000 करोड़ रुपए का निवेश होगा। निर्यात प्रोत्साहन नीति वर्ष 2027-28 तक की अवधि के लिए लागू की जाएगी। फिलहाल राज्य का निर्यात 72 अरब डॉलर का है, इसे बढ़ाकर 150 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में अगले पांच वर्षों में 30 निर्यातोन्मुख बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं को विकसित कर वर्ष 2030 तक देश का निर्यात 1 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य की हिस्सेदारी 22 प्रतिशत तक पहुंचाने का इस नीति का उद्देश्य है। प्रोत्साहन का लाभ राज्य के तकरीबन 5 हजार एमएसएमई तथा बड़े उद्योगों को होगा, साथ ही 40,000 रोजगार के अवसर पैदा कर राज्य के मौजूदा निर्यात को 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 फीसदी करने में मदद मिलेगी। इस नीति में निर्यातोन्मुखी विशिष्ट परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से स्वीकृत परियोजना लागत के 50 करोड़ रुपये की सीमा के भीतर बुनियादी ढांचे के कार्यों और निर्यातोन्मुख औद्योगिक पार्कों के लिए 100 करोड़ रुपए की सीमा के भीतर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके साथ ही निर्यात योग्य एमएसएमई (MSME) को बीमा कवर, ब्याज सब्सिडी और निर्यात प्रोत्साहन सब्सिडी की पेशकश की गई है।
कपड़ा नीति में सुधार: कैबिनेट बैठक में राज्य की कपड़ा नीति में संशोधन कर मेगा कपड़ा परियोजनाओं को भी उद्योग विभाग की सामूहिक प्रोत्साहन योजना का लाभ देने तथा नंदूरबार जिले को जोन तीन से जोन दो में शामिल करने का निर्णय लिया गया। 30 मई 2023 को राज्य की कपड़ा उद्योग नीति घोषित की गई थी। इससे 25 हजार करोड़ का निवेश आकर्षित किया जाएगा और 5 लाख तक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इस नीति की घोषणा के बाद विभिन्न कपड़ा उद्योग इकाइयों और संगठनों ने सुझाव के अनुसार आकांक्षित जिला नंदूरबार को जोन तीन से जोन दो में शामिल किया गया। कपड़ा उद्योग में बड़ी परियोजनाओं को दर्जा और प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए उद्योग विभाग की सामूहिक प्रोत्साहन योजना में भी संशोधन किया गया है।
बारामती में पुलिस श्वान प्रशिक्षण केंद्र: पुणे जिले की बारामती तालुका के गोजुबावी में पुलिस श्वान प्रशिक्षण केंद्र बनाने को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की। वर्तमान में पुणे में श्वान प्रशिक्षण केंद्र है, इसकी इमारत जर्जर हो चुकी है। साथ ही ट्रेनिंग की सुविधा भी नहीं है। वर्तमान श्वान पथक में 102 क्राइम डिटेक्टर, 74 बम डिक्टेटर, 45 नारकोटिक्स डिटेक्टर, 5 गार्ड ड्यूटी, 4 पेट्रोलिंग और बीडीडीएस दस्ते में 120 को मिलाकर 350 श्वान हैं। पुणे में केवल 20 श्वान और हैंडलर को प्रशिक्षण दिया जाता है। नया केंद्र बन जाने से एक ही समय 50 श्वान को प्रशिक्षण देने की सुविधा उपलब्ध होगी।
विदर्भ में 5 जगहों पर संतरा प्रक्रिया केंद्र बनेंगे: विदर्भ के नागपुर में 3 तथा अमरावती जिले में 2 को मिलाकर कुल 5 जगहों पर आधुनिक संतरा प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने का निर्णय कैबिनेट बैठक में लिया गया। इससे संतरा उत्पादकों को सही कीमत मिल सकेगी और सही गुणवत्ता वाले संतरे देश-विदेश में भेजे जा सकेंगे। उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने वर्ष 2023-24 के बजट में इस बात की घोषणा की थी।
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Wed, Nov 08 , 2023, 07:33 AM