- मुंबई में लगभग 47 हजार लोग फुटपाथ पर सोते हैं
वरिष्ठ संवाददाता,
मुंबई : महानगर में सड़कों, फुटपाथों व अन्य स्थानों पर रहनेवाले बेघरों के लिए BMC कई वर्षों से शेल्टर होम उपलब्ध कराने की योजना बना रही है। लेकिन अब तक सफल नहीं हो पाई है। BMC के सर्वे में पता चला है कि मुंबई में लगभग 47 हजार बेघर लोग सड़कों के किनारे और फुटपाथों पर रहते हैं। इनके लिए 125 शेल्टर होम की आवश्यकता है। जबकि बीएमसी के पास अभी बेघर के रूप में प्रौढ़ लोगों के लिए 12 सेल्टर होम शुरू है इसकी कुल क्षमता 342 व्यक्ति की है। और 18 साल से कम उम्र बेघर बच्चों के लिए 11 सेल्टर सेंटर हैं। इनकी कुल क्षमता 590 बच्चों को रखने की है। बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि बीएमसी ने एमएमआरडीए, म्हाडा, एसआरए और बीपीटी से शेल्टर होम के लिए जगह मांगी थी लेकिन वहां से सकारात्मक प्रतिसाद नहीं मिला। अब बीएमसी ने कॉर्पोरेट, बैंक, उद्योग और अन्य संस्थाओं से csr fund इस्तेमाल कर शेल्टर होम निर्माण में मदद करने को कहा है। अधिकारी ने बताया शेल्टर होम के निर्माण पर बीएमसी गंभीरता से काम कर रही है। शेल्टर होम में बेघरों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कार्पोरेट, बैंक, उद्योग और अन्य संस्थाओं से सीएसआर फंड का इस्तेमाल कर शेल्टर होम में मदद के लिए कोशिश कर रही है। अधिकारी ने कहा कि Supreme Court के आदेश के अनुसार हमारी कोशिश है कि मुंबई में कोई भी व्यक्ति फुटपाथ या अन्य स्थान पर रात न बिताए। इसलिए हमने मुंबई में सर्वे किया और पाया कि लगभग 47 हजार बेघर लोगों को आसरे की आवश्यकता है। इस संबंध में मुंबई शहर के पालक मंत्री दीपक केसरकर ने भी पिछले दिनों कदम उठाने को कहा था।
बेघर लोगों के लिए बीएमसी की योजना :
अधिकारी ने कहा कि बेघर लोगों को shelter home में तत्काल पहुंचाने व आश्रय देने के साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने की भी योजना है। जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। चांदिवली, दहिसर, अंधेरी और गोवंडी में नए शेल्टर होम बनाए जाएंगे। साथ ही अन्य 11 स्थानों पर शेल्टर होम के लिए प्लॉट चिन्हित किये गए हैं। माहुल स्थित म्हाडा परिसर के डी सेक्टर की इमारतों में 224 रूम बेघरों के लिए उपलब्ध होगा, जहां 1500 लोगों के रहने की व्यवस्था होगी। शेल्टर होम में रहने वालों का वहीं कौशल्य विकास किया जाएगा। वहीं शिविर लगा कर उनका पेन कार्ड व आधार कार्ड जैसा पहचान पत्र भी बनाया जाएगा। हर साल बरसात के समय 1 जून से 31 अक्टूबर के बीच बिना घर के रहने वालों के लिए मुंबई में अतिरिक्त शेल्टर होम बनाए जाते हैं। अधिकारी ने बताया कि सर्वे करते समय सभी बेघर लोगों की पहचान ऑनलाइन रजिस्टर की गई है। उनके परिवार में कितनी महिला, पुरुष और बच्चे हैं इसका अलग-अलग डेटा बनाया गया है। साथ ही उनका मूल गांव कहां है, किस राज्य से आए हैं, वह मुंबई में कब से रह रहे हैं , वह कितने पढ़े-लिखे हैं उनकी जीविका का साधन क्या है। इसका पूरा डेटा तैयार कर अध्ययन किया जा रहा है इसके बाद इनकी क्षमता के अनुसार इन्हें प्रशिक्षित करने की योजना है। जिससे वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। वहीं बच्चों को स्कूल भेजने की भी व्यवस्था की जाएगी।
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Mon, Nov 06 , 2023, 08:54 AM