एक हजार मीट्रिक टन का गर्डर
पुल के निर्माण पर 178 करोड़ खर्च
मुंबई। विद्याविहार पूर्व और पश्चिम को जोड़ने के लिए देश का सबसे पहला सबसे लंबा सिंगल स्पॉन का ब्रिज bridge of single spawn बनाया जा रहा है। दूसरा गार्डर शनिवार की आधी रात को डाला गया । गार्डर डालने का काम पूरा होने के बाद ब्रिज को जोड़ने वाले सड़क के काम में गति आएगी। ब्रिज का उपयोग करने के लिए लोगो को अभी भी वर्ष 2024 के दिसंबर महीने तक इंतजार करना पड़ेगा। इस ब्रिज के निर्माण पर मनपा 178 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इस गार्डर का वजन लगभग एक हजार मैट्रिक टन है।जिसकी लंबाई 100 मीटर और चौड़ाई 12 ,5 मीटर है।
बता दे कि देश का पहला सबसे लंबा सिंगल स्पेन ब्रिज बनाने का निर्णय मनपा द्वारा लिया गया। यह लगभग 1100 मैट्रिक टन है और यह 100 मीटर लंबा गर्डर है।यह बिना खंभा का ब्रिज तैयार किया जा रहा है। मनपा ने मई महीने में एक गार्डर लांच किया था अब बकाया दूसरा guard launch किया गया । उल्लेखनीय है कि gokhale bridge accident के बाद मुंबई के सभी ब्रिज का स्ट्रक्चरल ऑडिट करने का निर्णय लिया गया ।इस ऑडिट में इस ब्रिज को भी धोखादायक घोषित किया गया।ब्रिज निर्माण का काम 2 मई 2018 से शुरू किया गया। घाटकोपर इलाके के पूर्व की ओर रामचंद्र चेंबूरकर और पश्चिम की ओर Lal Bahadur Shastri Marg को जोड़ेगा।यह ब्रिज विद्याविहार स्टेशन को भी जोड़ेगा।रेलवे पटरियों के नीचे ब्रिज बनाए जाने से रेलवे से मेगा ब्लॉक लेना जरूरी था ।इस ब्रिज का दूसरा गार्डर लांच करने के लिए मध्य रेलवे ने रात 1 बजकर 10 मिनट से रविवार की सुबह 4 बजकर 20 मिनट तक मध्य रेलवे पर मेगा ब्लॉक किया गया। इस ब्रिज के लिए स्टेनलेस स्टील का उपयोग किया गया है।ब्रिज के ऊपर डाले जाने वाले गार्डर को उसी स्थान पर निर्माण किया गया। ब्रिज का निर्माण के लिए गार्डर डालने का काम रेलवे क्षेत्र में होने के कारण रेलवे द्वारा मेगा ब्लॉक लेना जरूरी था। गार्डर डालने का काम पूरा हो जाने के बाद अब सड़क निर्माण के काम को गति मिलेगी।
इंजीनियरिंग प्रौद्योगिकी का आविष्कार
- इस गर्डर की खासियत है कि यह देश में रेलवे के ऊपर का अब तक सबसे लंबा ऐसा लगभग 99 . 34 मीटर गार्डर है। जिसका वजन करीब एक हजार से अधिक मीट्रिक टन का है।
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- खास बात यह है कि इस गार्डर में किसी प्रकार का बीच में खंभा नहीं लगा है
गर्डर बीच में यानी बिना पिलर के सपोर्ट वाला नहीं है। इंजीनियरिंग क्षेत्र में एक आविष्कार के रूप में बनाया और माना जा रहा है।
यह होगा फायदा
इस ब्रिज के निर्माण हो जाने से वाहन चालकों का कम से कम 5 से 7 किमी की दूरी कम होगी। घाटकोपर पूर्व - पश्चिम, चेंबूर, सांताक्रूज़ लिंक रोड, एलबीएस मार्ग पर लगने वाले जाम से छुटकारा मिलेगा। मनपा की ओर से जानकारी दी गई कि गार्डर डालने का काम पूरा होने के बाद ब्रिज को जोड़ने वाले सड़क का काम पूरा होने में और एक साल का समय लेगगा। मनपा अधिकारियो की माने तो इस मार्ग पर आवागमन अगले साल 2024 दिसंबर से शुरू हो सकेगा।
लोगो की मांग हुई पूरी मनोज कोटक
भाजपा सांसद Manoj Kotak ने कहा कि विद्याविहार पूर्व और पश्चिम की ओर जोड़ने वाले इस ब्रिज के निर्माण को लेकर स्थानीय रहिवासी काफी परेशान थे उन्हें इस ओर से दुसरे ओर जाने 7 किमी की दूरी तय करणी पड़ती थी। बीज के निर्माण होने से उनकी परेशानियां दूर होगी और इस परिसर में होने वाली ट्रैफिक समस्या से भी निजात मिलेगी।
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Sat, Nov 04 , 2023, 08:50 AM