दिनेश सिंह
जान हथेली पर रखकर रहने को है मजबूर
म्हाडा जल्द निकालेगी टेंडर
मुंबई। जोगेश्वरी स्थित PMGP Colony में रहने वाले लगभग 5 हजार रहिवासी जो कि पिछले दस साल से जर्जर इमारत में रहने को मजबूर है उन्हे अब जल्द राहत मिलने की आसार नजर आने लगी है।म्हाडा ने पी एम जी पी कालोनी की 17 इमारतों का पुनर्विकास करने के लिए जल्द टेंडर निकालने का निर्णय लिया है इस तरह की जानकारी म्हाडा के अधिकारियो ने दी। PMGP Colony के रहिवासी पिछले दस साल से जर्जर इमारत में रहने को मजबूर है।
उल्लेखनीय है कि जोगेश्वरी के Jogeshwari Vikhroli Link Road पर पूनम नगर के पास पी एम जी पी कालोनी में कुल 17 इमारतों है। इन इमारतों का वर्ष 1990 में निर्माण हुआ था।इमारतों का निर्माण प्रधानमंत्री ग्रांड प्रोजेक्ट के तहत निर्माण हुआ था। इन इमारतों में कुल 984 घर है।यह सभी इमारतें वर्ष 2014 15 में जर्जर अवस्था में चले जाने के बाद रहिवासीयो ने श्री पति बिल्डर से इमारतों का पुनर्निर्माण करने को लेकर अनुबंध किया।दस साल बीत जाने के बाद बिल्डर द्वारा किसी तरह का निर्माण कार्य नही किया। बिल्डर सिर्फ पुनर्निमाण करने के लिए मंजूरी लेकर रखी थी। दस साल बीत जानें के बावजूद इमारतों का पुनर्निर्माण कार्य शुरू नही होने और इमारतों का किसी तरह का मरम्मत भी नही होने से इमारते और जर्जर हो गई है। बिल्डर द्वारा दस साल में किसी तरह का पुनर्निर्माण का काम नही शुरू करने के कारण स्थानीय रहिवासीयो ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मिलकर जर्जर इमारतों से छुटकारा पाने की गुहार लगाई थी। राज्य सरकार ने म्हाडा को निर्देश दिया था कि बिल्डर को एक नोटिस देकर जानकारी ले कि बिल्डर पुनर्विकास का काम करेगा कि नही। सरकार ने म्हाडा को यह भी निर्देश दिया था कि बिल्डर पुनर्निर्माण नही करता है तो महाडा खुद पुनर्निर्माण करे अथवा दूसरा बिल्डर नियुक्त करे।म्हाडा ने बिल्डर को नोटिस देकर बिल्डर को यह कहा कि उसे इस प्रोजेक्ट से क्यो न निष्काशित कर दिया जाए। म्हाडा ने बिल्डर को नोटिस देकर पुनर्निर्माण शुरू करने के लिए बैंक गारंटी देने के लिए कहा। बिल्डर ने इमारतों का पुनर्विकास करने को लेकर कोई कदम उठाया। म्हाडा ने श्री पति बिल्डर को इन इमारतों को 33 (5 ) के तहत पुनर्निर्माण की अनुमति दी थी। इस बीच मनपा द्वारा तैयार की गई 2034 की विकास नियमावली इस निर्माण में लागू की गई। म्हाडा अब इन इमारतों को 33 (9) के तहत विकास करने की मंजूरी देने का निर्णय लिया है। म्हाडा के इस निर्णय के बाद श्री पति बिल्डर ने दोबारा म्हाडा के पास पुनर्विकास की तैयारी दिखाई लेकिन स्थानीय लोगो का विरोध होने के कारण म्हाडा ने दोबारा टेंडर करने का निर्णय लिया। म्हाडा ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को दी और टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। म्हाडा के इस निर्णय से दस साल बाद एम जी एम पी कालोनी के रहीवासियो का redevelopment का रास्ता साफ हो गया है जिससे जर्जर इमारत में रहने वाले नागरिकों को अब नया घर मिलने का रास्ता साफ होता दिखाई देने लगा है।
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Sat, Nov 04 , 2023, 06:55 AM