मुंबईः महाराष्ट्र में इन दिनों मराठा आंदोलन (Maratha movement.) के चलते खूब हंगामा हो रहा है. जगह-जगह विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ सरकार और राजनीतिक दलों (political parties) की बैठक व बयानबाजी जारी है. हालांकि राज्य की शिंदे सरकार (Shinde government) ने कहा है कि मराठाओं की मांग पर जल्द अमल किया जाएगा. दरअसल, महाराष्ट्र में शिक्षा और नौकरियों में मराठों के लिए आरक्षण की लंबे समय से चली आ रही मांग को उस समय नई ऊर्जा मिली है. जब कोटा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) एक सप्ताह से अधिक समय से भूख हड़ताल पर हैं. आंदोलन के दौरान हिंसा भी भड़की और कई विधायकों के घरों में आग लगा दी गई.
रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने दोहराया कि उनकी सरकार मराठा आरक्षण के लिए तैयार है. मराठा कौन हैं और वे आरक्षण क्यों मांग रहे हैं? और अगर राज्य सरकार उनके लिए आरक्षण के पक्ष में है, तो मराठा कोटा के रास्ते में क्या आ रहा है? कई ऐसे सवाल खूब उठ रहे हैं.
1982 में शुरू हुआ था मराठों के लिए आरक्षण पर पहला विरोध
बता दें कि मराठों के लिए आरक्षण पर पहला विरोध 1982 में हुआ था. विरोध का नेतृत्व श्रमिक संघ नेता अन्नासाहेब पाटिल ने किया था और उनकी मांग आर्थिक मानदंडों के आधार पर कोटा थी. अन्नासाहेब पाटिल ने धमकी दी थी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वह आत्महत्या कर लेंगे। बाबासाहेब भोसले की कांग्रेस सरकार ने उनकी बात अनसुनी कर दी और अन्नासाहेब पाटिल ने अपनी धमकी को अंजाम दिया. मराठा आरक्षण की लंबी लड़ाई से जुड़ी वह पहली मौत थी.
जानें क्यों लग रहा है अड़ंगा
1990 की मंडल आयोग की रिपोर्ट के बाद आर्थिक आधार पर आरक्षण की मांग जाति के आधार पर आरक्षण में बदलने लगी. सुप्रीम कोर्ट ने मई 2021 में अपने फैसले में कहा, “मराठों को आरक्षण देने के लिए 50 प्रतिशत की सीमा को तोड़ने का कोई वैध कारण नहीं है.” यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के 1992 के ऐतिहासिक इंदिरा साहनी फैसले (जिसे मंडल फैसला कहा जाता है) पर आधारित था, जिसने आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा लगा दी थी.
अक्टूबर में, सुप्रीम कोर्ट आरक्षण मुद्दे पर महाराष्ट्र सरकार की उपचारात्मक याचिका को सूचीबद्ध करने पर सहमत हुआ. तो, यह आरक्षण पर 50 प्रतिशत की सीमा है, जो मराठा आरक्षण के रास्ते में आ रही है. अब यह इस पर निर्भर करता है कि सुप्रीम कोर्ट आख़िर क्या फैसला करता है.
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Thu, Nov 02 , 2023, 02:13 AM