उद्योग मंत्री उदय सामंत का आरोप
महानगर संवाददाता
मुंबई। राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत (Uday Samant) ने आरोप लगाया कि पुलिस हिरासत में मौत के आरोप में पुलिस सेवा से बर्खास्त किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वझे (Sachin Vaze) को तत्कालीन पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) की सिफारिश पर फिर से पुलिस सेवा में शामिल किया गया था।
एक्स पर उदय सामंत ने लिखा कि तत्कालीन पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से सचिन वझे को वापस सेवा में लाने की सिफारिश की थी। उसके बाद सचिन वझे ने फरवरी 2021 में भारत के सबसे प्रमुख व्यापारिक परिवार के आवास के नीचे जिलेटिन की छड़ें, विस्फोटक से भरी एक कार रखी थी। वझे का सांसद संजय राऊत ने समर्थन किया था और उसे ईमानदार और सक्षम बताया था। सामंत ने कहा कि यह महाराष्ट्र के व्यापारिक समुदाय के लिए एक बड़ा झटका थी और राज्य से उद्यमियों का विश्वास उठने का भी एक बड़ा कारण थी। उदय सामंत ने आरोप लगाया कि इस वजह से कारोबार के लिए सुरक्षित स्थान समझी जाने वाली मुंबई की छवि भी खराब हुई है। उन्होंने कहा कि सचिन वझे को ठाकरे सरकार के जबरदस्त समर्थन ने उद्यमियों और निवेशकों के मनोबल को खत्म कर दिया था और इस वजह से बड़े व्यापारियों ने महाराष्ट्र से बाहर जाने का फैसला किया। महाराष्ट्र राज्य से उद्योगों को बाहर निकालने में ठाकरे सरकार ने प्रमुख भूमिका निभाई। बड़ी परियोजनाओं का राजनीतिकरण करने के बजाय, उन्हें राज्य सरकार में निवेशकों का विश्वास खोने के लिए राज्य के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। उद्योग मंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र से वेदांत फॉक्सकॉन, एयरबस टाटा और बल्क ड्रग पार्क जैसे बड़े बाहर चले गए है, इसके लिए पूरी तरह से उद्धव ठाकरे की पिछली महाविकास आघाडी सरकार जिम्मेदार है।
उन्होंने आरोप लगाया कि ठाकरे सरकार के दौरान, आदित्य ठाकरे ने मुंबई की प्रमुख परियोजनाओं जैसे कारशेड, मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन (Mumbai-Ahmedabad Bullet Train) को रोकने की कोशिश की। सरकार के इस रवैये से मुंबई का विकास रुक गया और निवेशकों का भरोसा टूट गया। सामंत ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने वर्ष 2011 में मुंबई के वित्तीय राजधानी होने के बावजूद गुजरात की गिफ्ट सिटी को इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज स्टेटस की मान्यता दी। पारसी मिस्त्री की अध्यक्षता में नियुक्त उच्चाधिकार प्राप्त विशेष समिति ने बुनियादी सुविधाओं की गुणवत्ता में कमी होने के कारण मुंबई को आईएफएससी की मान्यता न देने की सिफारिश की थी।
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Sat, Oct 28 , 2023, 08:32 AM