महानगर संवाददाता
मुंबई। प्रख्यात कीर्तनकार बाबा महाराज सातारकर (Baba Maharaj Satarkar) का गुरुवार को लंबी बीमारी के बाद नवी मुंबई के नेरुल में निधन (death) हो गया। उनकी उम्र 88 साल थी। उनके परिवार में दो बेटियां हैं। शुक्रवार को नेरुल में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उनका जन्म 5 फरवरी 1936 को सातारा के नामवंत गोरे सातारकर परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम नीलकंठ ज्ञानेश्वर गोरे थे, लेकिन बाद में कीर्तन में मिली व्यापक स्वीकृति के बाद उन्हें बाबा महाराज सातारकर नाम मिला और यह नाम उनके जीवन भर रहा। वे नेरुल की आगारी कोली भवन के सामने एक बस्ती में रहते थे। महाराष्ट्र में कीर्तनकारों की लंबी परंपरा रही है। वारकरी संप्रदाय के प्रमुख कीर्तनकार के रूप में सातारकर परिवार के फड का नाम काफी प्रतिष्ठित है। पिछली चार पीढ़ियों से सातारकर परिवार में प्रवचन और कीर्तन की परंपरा रही और इसे बाबा महाराज सातारकर ने आगे बढ़ाया। इसी साल फरवरी माह में उनकी पत्नी रुक्मिणी उर्फ माई सातारकर (Mai Satarkar) का निधन हुआ था। बाबा महाराज सातारकर के निधन पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राकांपा प्रमुख शरद पवार, राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, भाजपा नेता पंकजा मुंडे सहित कई अन्य शोक व्यक्त किया है।
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Thu, Oct 26 , 2023, 06:53 AM