Maratha reservation : मराठा आरक्षण को लेकर मुश्किल में फंसी महा विकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) की सरकार ने कल सभी अखबारो में मराठा समाज के लिए किए गए कामों को गिनवाते हुए ‘मौके को गोल्ड करते हुए सकारात्मक ध्येय की तरफ बढ़ते चलो’ इस विज्ञापन (advertisement) के जारी होने के बाद मराठा आरक्षण के आंदोलनकर्ता मनोज जरांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil) ने इस विज्ञापन पर सवाल उठाए हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (Ashok Chavan) ने भी सरकार पर निशाना साधा।
‘मराठा समाज को ईडब्लूएस आरक्षण का विकल्प मान्य नहीं’
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कल के विज्ञापन में सरकार ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर (ईडब्लूएस) आरक्षण का सबसे ज्यादा लाभ मराठा समाज को मिला है, जिसमें शिक्षा और सरकारी नौकरियां शामिल हैं और इसके साथ ही छात्रों को स्कॉलरशिप के लिए 9 हजार 262 करोड़ रुपए खर्च किए गए। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि मराठा समाज को ईडब्लूएस आरक्षण का विकल्प मान्य नहीं है और मराठा समाज ने आरक्षण मांगने के बजाय 10% वाला आर्थिक रूप से कमजोर आरक्षण का विकल्प चुनें, यह मराठा समाज के प्रति सरकार की कैसी भूमिका है।
मनोज जरांगे पाटिल की डिमांड
मनोज जरांगे पाटिल ने कहा ईडब्लूएस आरक्षण का फायदा सभी को है, आपसे ईडब्लूएस में आरक्षण किसने मांगा था। उन्होंने कहा, मराठा समाज को कुनबी समाज का जाति प्रमाणपत्र मिले और ओबीसी में आरक्षण दें। विज्ञापन पर सवाल उठने के बाद शिंदे सरकार ने आज फिर से एक नया विज्ञापन दशहरे से एक दिन पहले जारी किया और उस विज्ञापन में मराठा आरक्षण पूरा करने का वचन देते हुए सरकार ने मराठा समाज को आश्वस्त किया है कि संविधान कि चौखट में और न्यायालय में टिकने वाला आरक्षण देने के लिए सरकार वचनबद्ध है। इस विज्ञापन में पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्रियों की तस्वीर लगी है।
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Mon, Oct 23 , 2023, 12:55 PM