फायर ब्रिगेड विभाग ने शुरू की इंटर रेंडमाइजेशन प्रक्रिया
मुंबई। मनपा में बिल्डरों द्वारा इमारत बनाने को लेकर ली जाने वाली मंजूरी में फायर ब्रिगेड (fire brigade) द्वारा मंजूरी लेना सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। फायर ब्रिगेड की मंजूरी बिना कोई प्रस्ताव मंजूरी के लिए आगे नहीं जा सकता। जिसके चलते फायर ब्रिगेड के अधिकारियो द्वारा भी मनमानी किए जाने का आरोप लगता रहता है।इतना है नहीं फायर बिग्रेड अधिकारियो पर बिल्डर से वसूली करने के लिए क्रीम पोस्ट पाने के लिए विभागीय अधिकारियों में होड़ सी लगी रहती है। क्रीम पोस्ट पर जाने के लिए पैसों का भी लेन देन किए जाने का आरोप लगता रहा है। मनपा प्रशासन ने इसी समस्या को दूर करने के लिए नया सिस्टम इंटर रेंडमाइजेशन सिस्टम लाने का निर्णय लिया है जिसका उपयोग 1 अगस्त से किया जाएगा इस तरह की जानकारी मनपा सह आयुक्त रमेश पवार (Ramesh Pawar) ने दी।उन्होंने बताया कि यह सिस्टम लागू होने से फायर डिपरमेंट में भ्रसटाचार के लगने वाले आरोप खत्म होंगे और बिल्डर को भी इसका फायदा मिलेगा कोई फाइल कहा पर रुकी है और अधिकारी के पास जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
मनपा सह आयुक्त रमेश पवार ने बताया कि मनपा में बिल्डिंग प्रपोजल विभाग (Building Proposal Department) से इमारतों की मंजूरी मिलने के लिए फायर विभाग की एनओसी लेना आवश्यक होता है।मनपा ने फायर विभाग में इमारतों की मंजूरी के लिए अब तीन क्षेत्रों में विभाजित कर दिया है।जिसमे पहले की तर्ज पर शहर और दो उपनगर जरूर रखा है । लेकिन नई प्रणाली का उपयोग करते समय यह ख्याल रखा गया है कि कोई भीं फाइल किसी एक ही विभागीय अधिकारी के पास जाए इसके लिए रोटेशन सिस्टम लागू किया है ।जो आर्किटेक्ट फायर ब्रिगेड से एनओसी मांग रहे हैं, उन्हें अपना प्रस्ताव बेतरतीन ढंग से किसी भी सहायक डिविजनल फायर ऑफिसर (एडीएफओ), डिविजनल फायर ऑफिसर (डीएफओ), या डिप्टी फायर ऑफिसर (डिप्टी सीएफओ) को सौंपना होगा, चाहे प्रस्ताव किसी भी वार्ड का हो। . एक एडीएफओ कागजात की जांच के लिए जिम्मेदार है जबकि डीएफओ योजनाओं की जांच करता है। अंतिम अनुमोदन उप अग्निशमन अधिकारी से मिलता है। मनपा का कहना है कि इस नई नियामावली से लग रहे आरोपों पर लगाम तो लगेगी ही साथ ही भ्रष्टाचार भी कम होगा । इस नई प्रणाली से अब एक फायर अधिकारी के पास कोई फाइल नहीं जाएगी।पहले उसके विभाग की फाइल उसी अधिकारी के पास जाती थी।नई नियमावली के तहत वर्ली विभाग की फाइल कोलाबा के अधिकारी के पास जांच के लिए जा सकती है जिससे अधिकारी की मनमानी पर भी लगाम लगेगी ।
एक और एनओसी जो 1 अगस्त से ऑनलाइन हो गई है, वह नागरिक संपत्ति विभाग से है, इस मामले में बीएमसी उस भूखंड की भूमि मालिक है जिसे विकसित किया जा रहा है। ऐसे मामलों में बीएमसी अनंतिम एनओसी, ओसी (कब्जा प्रमाणपत्र) और सीसी (पूर्णता प्रमाणपत्र) जारी करने के लिए जिम्मेदार है। अब से भले ही अनंतिम एनओसी ऑफ़लाइन दी गई हो, ओसी और सीसी केवल ऑनलाइन ही प्रदान की जाएगी ताकि पूर्ण स्वचालन सुनिश्चित किया जा सके। बीएमसी के स्वामित्व में करीब 4177 लीज प्लॉट और रिक्त भूमि किरायेदारी (वीएलटी) के तहत 3668 और 2700 स्टाफ क्वार्टर हैं। वीएलटी में जिमखाना, क्रिकेट पिच, सामुदायिक केंद्र और गोदाम शामिल हैं,
Mahanagar Media Network Pvt.Ltd.
Sudhir Dalvi: +91 99673 72787
Manohar Naik:+91 98922 40773
Neeta Gotad - : +91 91679 69275
Sandip Sabale - : +91 91678 87265
info@hamaramahanagar.net
© Hamara Mahanagar. All Rights Reserved. Design by AMD Groups
Thu, Aug 03 , 2023, 08:30 AM