० विपक्ष का आरोप, सरकार कर रही भेदभाव
० अन्याय दूर नहीं हुआ तो जाएंगे कोर्ट: थोरात
० आवश्यकता अनुसार दी जाती है निधि: फडणवीस
मुंबई। विधायकों को निधि वितरण का मामला सोमवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में गूंजा। विधानपरिषद में नेता प्रतिपक्ष अंबादास दानवे (Ambadas Danve) ने यह मामला उठाते हुए कहा कि असमान निधि वितरण का मतलब जनता और जन प्रतिनिधियों पर अन्याय है। जवाब में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा कि पिछली महाविकास आघाड़ी सरकार ने विपक्ष के विधायकों को एक रुपए की निधि नहीं दी थी। राज्य के सर्वांगीण विकास के लिए जन प्रतिनिधियों को आवश्यकता के अनुसार निधि दी जाती है।इधर विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहेब थोरात (Balasaheb Thorat) ने कहा कि असमान निधि वितरण से विधायकों और जनता में असंतोष पैदा हुआ है और सरकार ने यदि अन्याय दूर नहीं किया तो हमें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष को दो टूक सुनाते हुए कहा कि राज्य की पिछली महाविकास आघाड़ी सरकार में तत्कालीन विपक्ष के विधायकों को एक रुपए की विकास निधि दी गई थी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने निधि वितरण मामले में भाजपा और उसके सहयोगी दल के विधायकों के साथ भेदभाव किया गया था, लेकिन हमने विपक्ष में रहते हुए कुछ नहीं बोला। अब जबकि राज्य में सत्ता परिवर्तन हो गया है और भाजपा -शिवसेना की सरकार आ गई है तो विपक्ष निधि वितरण मामले में सरकार पर भेदभाव का आरोप लगा रही है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य का सर्वांगीण विकास हो, इसके लिए लोकप्रतिनिधि को आवश्यकता अनुसार निधि दी जाती है। मैं सदन के सदस्यों को आश्वस्त करता हूं कि किसी भी विधानसभा क्षेत्र के साथ अन्याय नहीं होगा।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का बजट तैयार करते समय प्रत्येक विभाग से प्रस्ताव मंगाए जाते हैं, उसके आधार पर आर्थिक नियम समिति की बैठक लेकर उपलब्ध निधि पर विचार-विमर्श कर बजट तैयार करती है। फडणवीस ने कहा कि यह सही है कि पिछली सरकार द्वारा योजनाओं को बांटी गई निधि स्थगित कर दी गईं। प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए कुछ कार्यों पर लगी रोक हटाई गई है। इस चर्चा में भाई जगताप,अनिल परब सहित अन्य सदस्यों ने हिस्सा लिया।
बाला साहेब थोरात की सरकार को चेतावनी
कांग्रेस विधायक दल के नेता बाला साहेब थोरात (Balasaheb Thorat) ने विधानसभा में आरोप लगाया कि सरकार ने 41 हजार करोड़ रुपए की पूरक मांग पेश की है, वह विधायकों को फोड़ने और फूटे गए विधायकों को संभालने के लिए है, जिन्हें मंत्री नहीं बनाया जा सकता, उन्हें भरपूर निधि की खैरात बांटी गई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे विधायकों और जनता में असंतोष पैदा हुआ है और सरकार ने यदि अन्याय दूर नहीं किया तो हमें अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।
65 फीसदी निधि सत्ताधारी 100 विधायकों को
निधि वितरण की सूची दिखाते हुए थोरात ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा के 105 विधायक हैं, इनमें से कई भाजपा विधायकों को बहुत कम निधि मिली है। यह असंतुलन ठीक नहीं है। हमने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े निकाले हैं, जिन्हें ज्यादा निधि मिली है, उनके बारे में हमारे दिल में कोई पूर्वाग्रह की भावना नहीं है, इसलिए मैं सदन में उनके नामों का खुलासा नहीं कर रहा हूं, लेकिन आपने 65 फीसदी निधि सत्ता में शामिल 100 विधायकों को दी है। मैं इस संबंध में केवल आंकड़े बताऊंगा, 742 करोड़, 580 करोड़, 482 करोड़, 456 करोड़, 436 करोड़, 392 करोड सभी राशियां सैकड़ों करोड़ में है। जिन्हें आप मंत्री नहीं बना सके, उन्हें आपने भरपूर निधि दी है। यदि आप कहते हैं कि आप संतुलन साध रहे हैं तो एक निर्वाचन क्षेत्र में करोड़ों रुपए की खैरात बांटते हैं, लेकिन उसके बाजू के निर्वाचन क्षेत्र को शून्य, इसे कौन सा न्याय कहेंगे? उन्होंने सदन में उदाहरण रखते हुए कहा कि एक निर्वाचन क्षेत्र में 735 करोड़ और एक निर्वाचन क्षेत्र में 215 करोड़।इससे जिले के बाकी हिस्से से राज्य का संतुलन तो बिगड़ेगा ही, हमारे अंदर भी असंतुलन बढ़ेगा।उन्होंने कहा कि महाविकास आघाड़ी सरकार के दौरान स्वीकृत कार्यों को मनमाने ढंग से रद्द कर दिया है, हमने बार-बार मांग की, हमारे पास पूरक मांगों के लिए 1 लाख 25 हजार करोड़ हैं लेकिन स्वीकृत कार्यों पर रोक हटाने के लिए 2 हजार करोड़ शेष नहीं हैं।
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Mon, Jul 24 , 2023, 08:35 AM