मुंबई। पानी मुंबई (Mumbai) की बड़ी समस्या बनती जा रही है। हर साल मानसून आने का इंतजार और देरी होने पर पानी की चिंता जताई जाने लगती है। मनपा प्रशासन समुद्र के पानी को मीठा करने पर जरूर जोर दे रही है जिस पर हजारो करोड़ खर्च किये जा रहे है लेकिन रेनवाटर हार्वेस्टिंग (rainwater harvesting) का निणर्य 2007 में लिया गया था। इस निणर्य को होकर 16 साल बीत जाने के बावजूद योजना सिर्फ कागजों में धूल खा रही है। मुंबई की 10 प्रतिशत सोसायटियों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना नहीं लागू हो पाई है। जबकि इस साल भी बारिश नहीं होने से मुंबई के लोग 10 प्रतिशत पानी कटौती का सामना कर रहे हैं।
मुंबई में करीब 34 हजार से अधिक रजिस्टर्ड सोसायटियां हैं, जिसमें से सिर्फ 3035 सोसायटियों में ही यह योजना शुरू हो पाई है। मनपा के एक अधिकारी ने बताया कि मुंबई में जून 2007 से मई 2021 तक सिर्फ 3035 सोसायटियों में ही वाटर हार्वेस्टिंग योजना लागू हो पाई है । मनपा अधिकारी के पास भी उसके बाद का रेकार्ड मौजूद नहीं है। 2007 से 2021 के बीच मुंबई में 300 वर्ग मीटर से 1000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फ़ैली 1205 सोसायटियों में यह प्रोजेक्ट शुरू हुआ। जबकि बड़े भूखंड पर बनी 1830 सोसायटियों में वॉटर हार्वेस्टिंग योजना शुरू की गई है। मनपा ने 1 अक्टूबर 2022 से मुंबई में 1000 वर्ग मीटर क्षेत्र से बड़ी बनने वाली सोसायटियों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग योजना अनिवार्य कर दिया है। नियम के अनुसार वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट की रिपोर्ट जमा करने के बाद ही बिल्डिंग को ओसी दी जाएगी । यह सुनिश्चित करना हाऊसिंग सोसायटी और डेवलपर की जिम्मेदारी है। इसके बावजूद योजना को गति नहीं मिली है। बारिश के पानी को रेन वाटर हार्वेस्टिंग के जरिए स्टोर करने के लिए इस प्रोजेक्ट को
लागू करने की जिम्मेदारी बिल्डरों पर डाली गई है। इन परियोजनाओं को प्रोत्साहित करने के लिए मनपा बिल्डरों को छूट भी देती है। इसके बावजूद यह प्रोजेक्ट सोसायटियों में नहीं शुरू किए गए हैं।वर्ष 2012 में तत्कालीन महापौर सुनील प्रभु (Sunil Prabhu) ने बीएमसी प्रशासन को रेन वॉटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट पर एक श्वेत पत्र जारी करने का निर्देश दिया था। लेकिन पिछले 11 वर्षों में कोई श्वेत पत्र नहीं आया है। केंद्र सरकार की कैच द रेन योजना को बीएमसी ने पिछले वर्ष से मुंबई में लागू किया है। इसका मकसद भी बारिश के पानी का संचय करना है। यह योजना भी अब तक कागजों पर सिमटी है। मनपा पूर्व विरोधी पक्ष नेता रवि राजा ने कहा कि पिछले 16 सालों से यह प्रोजेक्ट लटका है। योजना की विफलता के लिए मनपा अधिकारी जिम्मेदार हैं। मुंबई की कितनी बिल्डिंगों में योजना को लागू किया गया इसका ऑडिट करने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि जिन बिल्डिंगों में बिना रेन वाटर हार्वेस्टिंग के एनओसी दी गई ऐसे अधिकारी की भी जांच होनी चाहिए बिना जांच किए कैसे ओसी देने की अनुमति दी।
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Tue, Jul 18 , 2023, 09:21 AM