Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में पावर गेम, पवार के चक्कर में फडणवीस का ही असली नुकसान!

Thu, Jul 13 , 2023, 02:28 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में अजित पवार अपने सिपहसलारों के साथ बीजेपी-शिंदे सरकार (BJP-Shinde government) का हिस्सा बन गए हैं. डिप्टी सीएम अजित पवार (Deputy CM Ajit Pawar) और एनसीपी के 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ लिए हुए 12 दिन हो गए हैं, लेकिन अभी तक मंत्रालय के पोर्टफोलियो (portfolios of the ministry) नहीं मिल पाए हैं. विभागों के बंटवारे को लेकर सियासी पेंच फंसा हुआ है, क्योंकि अजित पवार खेमा वित्त, सिंचाई, आवास, सहकारिता और लोक निर्माण जैसे मलाईदार मंत्रालय की मांग कर रहा है.
महाराष्ट्र में तीन रात लगातार सीएम एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार के बीच बैठक होने के बाद किसी तरह का सकारात्मक नतीजा नहीं निकला है. इसके बाद बुधवार को अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इसके बाद भी विभागों के बंटवारा नहीं हो सका और मामला जस का तस बना हुआ है.
माना जाता है कि डिप्टी सीएम अजित पवार अपने एनसीपी के साथियों के लिए भारी-भरकम मंत्रालय की मांग कर रहे हैं. छगन भुजबल, दिलीप वलसे पाटिल और धनंजय मुंडे सहित कई मंत्रियों की वरिष्ठता का हवाला देते हुए प्रमुख मंत्रालयों की डिमांड कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि वित्त, सिंचाई, आवास, सहकारिता और लोक निर्माण जैसे विभागों की डिमांड एनसीपी खेमा मांग रहा है. एनसीपी के मंत्री जिन विभागों पर अड़े हैं, उनमें से ज्यादातर मंत्रालय की जिम्मेदारी उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस संभाल रहे हैं.
अजित पवार को लेकर शिंदे गुट में विरोध
महाराष्ट्र में शिंदे सरकार में सबसे ज्यादा गतिरोध वित्त मंत्रालय को लेकर है, जिसे अजित पवार को दिए जाने का विरोध है. शिंदे खेमे नहीं चाहता है कि वित्त मंत्रालय अजित पवार को दिया जाए, क्योंकि महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान वित्त मंत्री अजित पवार थे. शिवसेना के विधायकों को उस समय अजित पवार से शिकायत फंड रोकने की थी. इसे लेकर कई बार सार्वजनिक रूप से शिवसेना विधायकों ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की थी.
एकनाथ शिंदे गुट के विधायक किसी भी सूरत में वित्त विभाग अजित पवार को दिए जाने का विरोध कर रहे हैं. बीजेपी-शिंदे के सहयोगी प्रहार जनशक्ति पार्टी के नेता बच्चू कडू ने भी अजित पवार को वित्त मंत्रालय की मांग पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि उन्हें वित्त मंत्रालय दिया जाएगा तो फिर वही करेंगे जो महाविकास अघाड़ी सरकार में रहते हुए कर रहे थे.
कुर्बानी देंगे देवेंद्र फडणवीस?
महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में वित्त मंत्रालय का जिम्मा डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के पास है और अजित पवार को उनसे लेकर ही दिया जा सकता है. वित्त एकमात्र प्रमुख मंत्रालय नहीं है, जिस पर एनसीपी कोटे के मंत्री दावा कर रहे हों बल्कि आवास, सिंचाई, लोक निर्माण विभाग भी है. वित्त ही नहीं सिंचाई और आवास विभाग का जिम्मा भी देवेंद्र फडणवीस ही संभाल रहे हैं. वित्त विभाग भले ही अजित पवार अपने लिए मांग रहे हो, लेकिन सिंचाई और आवास जैसे मंत्रालय अपने वरिष्ठ साथी के लिए मांग रहे हैं.
अजित पवार खेमे से सिंचाई विभाग की मांग की जा रही है, जो 2014 से पहले अजित पवार के पास हुआ करता था. अजित पवार सिंचाई मंत्री थे तो करीब 9 हजार करोड़ घोटाले का मामला सामने आया था, जिस लेकर काफी सियासत भी हुई थी. बीजेपी ने इसे राजनीतिक मुद्दा बनाया था और अब जब अजित पवार एनडीए का हिस्सा बन गए हैं तो क्या सिंचाई विभाग उनके खेमे को बीजेपी देगी.
सहकारिता मंत्रालय का मामला है, जो बीजेपी कोटे के मंत्री अतुल सावे के पास है. महाराष्ट्र की सियासत में एनसीपी ने सहकारिता क्षेत्र के जरिए ही सियासी पकड़ बनाई है और सरकार में शामिल होते हुए अजित पवार खेमा इस विभाग पर नजर गढ़ाए हैं. बीजेपी सहकारिता विभाग को अपने पास ही रखना चाहेगी, क्योंकि शिंदे सरकार ने हाल ही में सहकारी समिति अधिनियम 1960 में संशोधन किया है ताकि वित्तीय अनियमितताओं को रोका जा सके. ऐसे में बीजेपी यह विभाग क्या पवार खेमे को देना चाहेगी?
महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार में बीजेपी के पास गृह, सिंचाई, वित्त, जल संसाधन, लोक निर्माण, सहकारारिता, राजस्व, कानून, ऊर्जा, शिक्षा और सार्वजनिक कार्य जैसे अहम मंत्रालय हैं. वहीं, शिंदे खेमे के पास लोक निर्माण (सार्वजनिक), स्वास्थ्य, आईटी, सामाजिक न्याय, पर्यावरण, अल्पसंख्यक और रोजगार की गारंटी मंत्रालय है. ऐसे में अजित पवार के खेमे की तरफ से जो विभाग मांगे जा रहे हैं, उनमें से ज्यादातर बीजेपी कोटे के मंत्रियों के पास है. देवेंद्र फडणवीस के पास जो विभाग हैं, उनमें से तीन मंत्रालय की डिमांड अजित पवार खेमा चाहता है. ऐसे में अजित पवार के मन की मुराद तभी पूरी होगी जब फडणवीस कोई समझौता करेंगे. अब सवाल है कि क्या बीजेपी के डिप्टी सीएम इस कुर्बानी के लिए तैयार हैं?

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