Maharashtra Politics: शरद पवार और अजित के बीच फिर पक रही खिचड़ी? कौन है चाचा-भतीजे के बीच सूत्रधार

Tue, Jul 11 , 2023, 02:58 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

मुंबई. महाराष्ट्र की सियासत (politics of Maharashtra) में कब क्या हो जाए, किसी को इसका अंदाजा नहीं. अब एक बार फिर यहां नई खिचड़ी (new khichdi) पकती दिख रही है. कुछ दिन पहले ही चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) से अलग हुए भतीजे अजित पवार (Ajit Pawar) के बीच फिर से एक कड़ी जुड़ी है. मंगलवार सुबह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अजित पवार ने अपने भाई श्रीनिवास पवार से मुलाकात की, यह खास इसलिए रही क्योंकि श्रीनिवास के बेटे इसके बाद शरद पवार के दफ्तर पहुंचे थे. क्या चाचा-भतीजा फिर एक होंगे या ये सिर्फ पारिवारिक मुलाकात है, अब ये सवाल खड़ा हो रहा है.
मुंबई में एनसीपी के दो गुटों के बीच मंगलवार को यह अहम घटनाक्रम हुआ. पहले अजित पवार अपने भाई श्रीनिवास पवार के घर पहुंचे, फिर श्रीनिवास के बेटे युगेंद्र पवार मुंबई में ही शरद पवार के घर पहुंचे. जानकारी के मुताबिक, युगेंद्र पवार आधा घंटे तक शरद पवार के दफ्तर में रहे, जहां उनकी मुलाकात एनसीपी प्रमुख शरद पवार और सुप्रिया सुले से हुई.
सूत्रों के मुताबिक, इस मुलाकात के बाद युगेंद्र पवार वापस अपने घर पहुंचे जहां उनके पिता श्रीनिवास और चाचा अजित पवार मौजूद रहे. तीनों के बीच कुछ देर तक मीटिंग हुई, जिसके बाद अजित पवार अपने बंगले देवगिरी पहुंच गए. मुलाकातों के इस दौर में क्या चर्चा हुई, अभी इसकी किसी को जानकारी नहीं है.
श्रीनिवास कर रहे चाचा-भतीजे में सुलह?
एनसीपी जब दो फाड़ हो गई थी, तब शरद पवार और अजित पवार ने एक-दूसरे पर कई तरह की टिप्पणी की. अब परिवार के अंदर हुई इस खींचतान को खत्म करवाने के लिए श्रीनिवास पवार सामने आए हैं. जानकारी के मुताबिक, श्रीनिवास यहां शरद और अजित पवार के बीच मध्यस्थता कर रहे हैं. सवाल उठता है कि क्या चाचा-भतीजे में फिर कोई खिचड़ी पक रही है? क्या ये खिचड़ी राजनीतिक है या पारिवारिक इसपर भी अभी लोगों की नज़रें हैं.
बता दें कि अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत करते हुए एनसीपी को दो हिस्सों में बांट दिया. करीब 40 विधायकों के समर्थन के दावे के साथ वह शिंदे सरकार में शामिल हो गए और उपमुख्यमंत्री बन गए. इतना ही नहीं अजित पवार ने इस बार पार्टी पर भी दावा ठोका और अपने गुट के साथ मिलकर खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर लिया.
पार्टी के चाचा-भतीजा गुट में बंटने के बाद बयानबाजी का भी एक दौर चला. अजित पवार ने शरद पवार से रिटायर होकर आशीर्वाद देने को कहा, तो शरद पवार ने अजित को खोटा सिक्का बताया. दोनों ने एक-दूसरे से दगाबाजी की बात कही, लेकिन पार्टी पर कब्जे की जंग चलती रही. इस कहानी में अभी कितने मोड़ आने बाकी हैं, यह कोई नहीं जानता है.
महाराष्ट्र के मौजूदा उपमुख्यमंत्री अजित पवार पहले भी एक बार बगावत कर वापस अपने चाचा के खेमे में जा चुके हैं. 2019 में जब उन्होंने देवेंद्र फडणवीस के साथ सुबह-सुबह शपथ ली थी, तब 80 घंटे में ही वो सरकार गिर गई थी. जिसके बाद अजित पवार वापस अपने चाचा के खेमे में थे और बाद में उद्धव सरकार में डिप्टी सीएम भी बने थे.

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