सेहत अच्छी हो तो उम्र आड़े नहीं आती
मुंबई। एनसीपी में हुई बगावत के बाद शरद पवार ने राज्यभर के दौरे करने का ऐलान किया था। शनिवार को वे छगन भुजबल के विधानसभा क्षेत्र येवला पहुंचे। यहां पत्रकारों ने जब उनसे अजित पवार (Ajit Pawar) की उम्र संबंधी टिप्पणी पर सवाल किया तो उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) के शब्दों को दोहराते हुए कहा, ‘‘न टायर्ड हूं, न रिटायर्ड हूं। अगर सेहत अच्छी हो तो अच्छे काम करने में उम्र आड़े नहीं आती। राकांपा में हुए बगावत के बाद अजित पवार ने कहा कि 83 साल की आयु में शरद पवार को रिटायर हो जाना चाहिए।
वहीं एक न्यूज चैनल से बात करते हुए सीनियर पवार ने कहा कि क्या आप जानते हैं कि मोरारजी देसाई किस उम्र में प्रधानमंत्री बने थे? मैं प्रधानमंत्री या मंत्री नहीं बनना चाहता, केवल लोगों की सेवा करना चाहता हूं। शरद पवार ने कहा कि वह अभी बूढ़े नहीं हुए हैं। उन्होंने सवाल किया कि वे कौन होते हैं मुझे सेवानिवृत्त होने की सलाह देने वाले। मैं अब भी काम कर सकता हूं। अजित पवार ने कहा था कि राकांपा में उन्हें दरकिनार कर दिया गया था, क्योंकि वह किसी के (शरद पवार) बेटे नहीं थे। परिवार में उत्तराधिकारी की लड़ाई पर एक सवाल पूछे जाने पर राकांपा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। मैं परिवार के बाहर परिवार के मुद्दों पर चर्चा करना पसंद नहीं करता। उन्होंने कहा कि अजित को मंत्री और उपमुख्यमंत्री बनाया गया था, लेकिन उनकी बेटी सुप्रिया सुले को कोई मंत्री पद नहीं दिया गया था, जबकि ऐसा किया जा सकता था। शरद पवार ने कहा कि जब भी राकांपा को केंद्र में मंत्री पद मिला, तो यह दूसरों को दिया गया, न कि सुप्रिया को, जबकि वह सांसद रही हैं।
लोगों के हावभाव देखकर बढ़ा आत्मविश्वास
शनिवार को शरद पवार नासिक के येवला पहुंचे। येवला को मंत्री छगन भुजबल का गढ़ माना जाता है। पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आजादी के इतिहास में नासिक का विशेष महत्व है, यहां कांग्रेस का ऐतिहासिक अधिवेशन हुआ था। यशवंतराव चव्हाण (Yashwantrao Chavan) महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री बने। ऐसे में मैंने नासिक से अपने दौरे की शुरुआत की। पवार ने कहा सड़क मार्ग से नासिक आते समय लोगों के चेहरे और उनके हाव-भाव देखने के बाद मुझे अधिक आत्मविश्वास महसूस हुआ।
छगन भुजबल कैसे पहुंचे येवला
भुजबल येवला कैसे पहुंचे, इसका इतिहास बताते हुए सीनियर पवार ने कहा कि छगन भुजबल (Chhagan Bhujbal) की मुंबई में हार के बाद उन्होंने विधानसभा में जाने की इच्छा व्यक्त की। फिर नासिक के लोगों से चर्चा करने के बाद येवला से चुनाव लड़ने का सुझाव दिया। येवला हमारे विचारों का तालुका है। 1980 में हम कांग्रेस से बाहर आ गए और कांग्रेस एस की स्थापना की। उस वक्त भी नासिक के लोगों ने हमें सभी सीटों पर चुना। दो बार येवला सीट से जर्नादन पाटिल चुनकर आए थे, ऐसे में भुजबल साहेब सुरक्षित सीट चाहते थे, ऐसे में उन्होंने इस निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सहमति ली और हमें ;यहां सफलता मिली।
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Sat, Jul 08 , 2023, 08:51 AM