Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत (politics of Maharashtra) में अजित पवार (Ajit Pawar) के बीजेपी गठबंधन में एंट्री के साथ राज्य में डंबल इंजन की सरकार ट्रिपल इंजन में तब्दील हो गई है. अजित पवार अपने चाचा शरद पवार (Sharad Pawar) से बगावत सिर्फ डिप्टी सीएम बनने के लिए नहीं की है बल्कि मुख्यमंत्री बनने की ख्वाहिश भी पाल रखी है. यह बात कोई और नहीं बल्कि खुद उन्होंने ही जाहिर की है. बीजेपी के साथ अजित पवार ने वक्ती तौर के लिए हाथ नहीं मिलाया बल्कि अगले साल 2024 में होने वाले लोकसभा और विधानसभा के चुनाव (Lok Sabha and Vidhansabha elections) लड़ने की रूपरेखा भी तय कर रखी है. ऐसे में सवाल उठता है कि एकनाथ शिंदे के हाथों से क्या सत्ता की डोर सरकती नजर आ रही है?
अजित पवार का सीट शेयरिंग फॉर्मूला
अजित पवार ने बीजेपी के साथ हाथ मिलाने के बाद महाराष्ट्र की 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही है. इसके अलावा अजित पवार खेमे से एक दर्जन से ज्यादा लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा किया जा रहा है. बीजेपी खेमे से इन बातों का खंडन भी नहीं किया गया है. इससे यह बात साफ है कि अजित पवार ने बीजेपी के साथ दोस्ती करने से पहले ही सारे बातें तक कर ली हैं.
90 विधानसभा सीटों के पीछे अजित खेमे का तर्क यह है कि एनसीपी के 53 विधायक हैं और दो निर्दलीय का समर्थन है. इस तरह से 55 विधायक हो रहे हैं. 2019 में कांग्रेस ने एनसीपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ी थी, जिसमें कांग्रेस के 45 विधायक जीते थे. कांग्रेस विधायकों की जीत में एनसीपी का वोट भी शामिल रहा है. इस लिहाज से अजित पवार ने 90 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात सार्वजनिक रूप से कही है.
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा और 48 लोकसभा सीटें
महाराष्ट्र में 288 विधानसभा और 48 लोकसभा सीटें हैं. 2019 में बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसमें बीजेपी ने 164 और शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ी थी. शिवसेना के टिकट पर जीते 57 विधायकों में से 40 एकनाथ शिंदे के साथ और 17 उद्धव ठाकरे के साथ हैं. शिवसेना के टिकट पर जीते 18 सांसदों में से भी 12 शिंदे के साथ हैं.अजित पवार खेमा 2024 में अगर 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगा तो शिंदे खेमा के हिस्से में कितनी सीटें आएंगे.
एकनाथ शिंदे 2019 में शिवसेना के द्वारा लड़ी गई सीटों पर दावा कर रहे हैं, लेकिन बीजेपी उन्हें सीटें दे देगी तो फिर खुद वो कितनी सीटों पर लड़ेगी. बीजेपी 164 से कम सीटों पर चुनावी किस्मत तो नहीं आजमाएगी, क्योंकि उसे सत्ता की बागडोर अपने हाथों में लेनी है. ऐसे में एकनाथ शिंदे के साथ आए हुए 40 विधायकों वाली सीटें ही बीजेपी उनके लिए छोड़ सकती है.अजित पवार के एंट्री और दावे के साथ शिंदे खेमा के लिए भविष्य की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि बीजेपी और अजित पवार की एनसीपी का समीकरण सत्ता का संयोग बना रहा है.
सीएम की कुर्सी पर अजित की नजर
अजित पवार ने बुधवार को कहा कि मैं पांच बार महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बना हूं, जो अपने आपमें एक रिकार्ड है, लेकिन सिर्फ डिप्टी सीएम बनकर ही रह गया हूं. मैं अब महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं और राज्य का नेतृत्व करना चाहता हूं. अजित पवार के बयान से एक बात साफ है कि वो अभी भले ही डिप्टी सीएम बन गए हों, लेकिन मौका मिलते ही मुख्यमंत्री पद पर दावा करेंगे. शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत और कांग्रेस नेता ने भी दावा किया है कि अजित पवार को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाने का दावा किया है. इसके बाद ही अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत करके बीजेपी गठबंधन में शामिल हुए हैं.
शिंदे की सदस्यता पर लटकी तलवार
उद्धव ठाकरे के हाथों से सरकार और पार्टी दोनों ही एकनाथ शिंदे ने छीन ली हो, लेकिन उन पर भी संकट के बादल मंडराने लगे हैं. महाराष्ट्र के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे सहित 16 शिवसेना विधायकों की सदस्यता पर विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को फैसला लेने को कहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि स्पीकर जल्द ही फैसला लेंगे. ऐसे में स्पीकर शिवसेना विधायकों को अयोग्य घोषित कर देते हैं तो एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा. ऐसी स्थिति में शिंदे सरकार भंग हो जाएगी, लेकिन बीजेपी अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना लेगी. ऐसे में देखना होगा कि सीएम की कुर्सी पर अजित पवार बैठेंगे या फिर बीजेपी का कोई दूसरा नेता.
शिंदे पर बीजेपी की निर्भरता खत्म
एनडीए में अजित पवार के एंट्री होते ही महाराष्ट्र की सियासत में बीजेपी की निर्भरता एकनाथ शिंदे से खत्म हो गई है. अजित पवार के साथ भी उतने ही विधायक हैं, जितने एकनाथ शिंदे के साथ हैं. राजनीतिक तौर पर शिंदे उस तरह से अपना प्रभाव नहीं जमा सके, जैसे बीजेपी को उनसे उम्मीदें थी. ऐसे में बीजेपी ने अजित पवार को साथ मिलाकर अपने सियासी समीकरण को मजबूत किया है. शिंदे और उनके साथ आए शिवसेना विधायकों की सदस्यता खत्म भी हो जाती है तो बीजेपी के सेहत पर असर नहीं पड़ेगा.बीजेपी अजित पवार के साथ सत्ता में बनी रहेगी और 2024 में मजबूती के साथ वापसी भी कर सकती है.
मंत्री पद के इंतजार में शिंदे गुट
उद्धव ठाकरे का नेतृत्व छोड़कर एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना के 40 विधायक साथ आए थे, जिनमें से 9 को ही मंत्री बनने का मौका मिल पाया है. ऐसे में शिंदे गुट के एक दर्जन से ज्यादा विधायक अभी भी कैबिनट का हिस्सा बनने की इंतजार कर रहे हैं. शिंदे को बीजेपी के साथ आए एक साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक कैबिनेट विस्तार नहीं हुआ.
वहीं, अजित पवार और उनके साथ आए एनसीपी के 8 विधायकों को मंत्री पद की शपथ अचानक दिला दी गई. इस तरह से महाराष्ट्र कैबिनेट में बीजेपी-शिंदे-अजित पवार खेमे से 9-9 मंत्री बन गए हैं. हालांकि, महाराष्ट्र में अभी भी शिंदे कैबिनेट में 14 मंत्री पद खाली हैं, लेकिन चुनौती है कि किसे मंत्री बनाया जाए. बीजेपी के विधायकों से लेकर एकनथ शिंदे के शिवसेना और एनसीपी से बागवत करके आए विधायक मंत्री बनने की लालसा पाले हुए हैं.
सीएम शिंदे डैमेज कंट्रोल में जुटे
अजित पवार के बीजेपी गठबंधन में आने का मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्वागत किया हो, लेकिन विपक्षी दलों का कहना है कि राजनीतिक घटनाक्रम से शिंदे खेमा बेचैन और चिंतित है. अजित पवार के साथ आए एनसीपी विधायकों को कैबिनेट में लिए जाने के बाद शिंदे के समर्थक विधायकों के मंत्री बनने की उम्मीदों पर भी ग्रहण लग सकता है. इतना ही नहीं एकनाथ शिंदे के सीएम पद से हटने की भविष्यवाणी भी संजय राउत कर रहे हैं. इस सबके बीच शिंदे ने अपने विधायकों के साथ गुरुवार को बड़ी बैठक किया. साथ ही एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस के बीच भी बैठक हुई थी.
हम इस्तीफा देने वाले नहीं बल्कि लेने वाले
शिंदे खेमे के नेता उदय सामंत ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हम इस्तीफा देने वाले नहीं बल्कि लेने वाले हैं. शिंदे का नेतृत्व सबको साथ लेकर चलने वाला है. शिवसेना के सभी विधायक और सांसदों का भरोसा एकनाथ शिंदे पर है. ऐसे में जो भी असंतोष की बातें की जा रही है, वो सिर्फ शिंदे को बदनाम करने के लिए की जा रही है. सीएम शिंदे ने अपने समर्थक विधायकों की नाराजगी की बात को खारिज करते हुए कहा कि हमारी सरकार के अब पहले से ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल है. हमारी सरकार लगातार मजबूत हो रही है और डबल इंजन के बजाय ट्रिपल इंजन की सरकार हो गई है.
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Sat, Jul 08 , 2023, 10:31 AM