फेरीवालों को प्रधानमंत्री स्वानिधि योजना के तहत दिया जा रहा कर्ज
शुरआत में 10 हजार दिया जा रहा कर्ज
मुंबई। मनपा अधिकारियो की आज ऐसी हालत हो गई है कि फेरीवालों को ढूढने के लिए घर घर जाना पड़ रहा है। मनपा प्रशासन ने मुंबई में 1 लाख फेरीवालों को प्रधानमंत्री स्वनीधि योजना (Prime Minister's Swanidhi Yojana) के तहत कर्ज देने का टारगेट (target) दिया है। मुंबई में मात्र 25 हजार ही लाइसेंस धारी फेरीवाले होने के कारण मनपा अधिकारी अब 2014 में हुए फेरीवालों का सर्वे में शामिल हुए फेरीवालों की खोज बीन करने के लिए भटक रहे है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने 2014 फरवरी महीने में फेरीवाला नीति लागू की। जिसके तहत शहर की कुल जन संख्या का 2 प्रतिशत लोगो को रोजगार के रूप में लाइसेंस दिया जाना निश्चित हुआ था। मुंबई मनपा ने 2014 में फेरीवालों का सर्वेक्षण किया जिसमें पूरे मुंबई में लगभग 99 हजार फेरीवालो का सर्वेक्षण किया गया। जबकि मुंबई में लगभग वर्ष 1999 में किए गए सर्वे में फेरीवाले की संख्या लगभग 3 लाख के करीब थी। इसी कें चलते फेरीवालो की यूनियन मनपा के सर्वेक्षण का विरोध करते रहे है।केंद्र सरकार द्वारा कोरोना काल में अपना रोजगार गवाने वाले फेरीवालों को 10 हजार रुपया का शुरुआती कर्ज प्रधानमंत्री स्वनीधी योजना के तहत दिए जाने का आदेश दिया।केंद्र सरकार का निर्देश था कि कोरोना काल में अपना रोजगार गवाने वाले फेरीवाले अपने पैर पर दोबारा खड़े हो सके।मुंबई शहर जहा की जनसंख्या लगभग 1 करोड़ 25 लाख से अधिक हो गई है।ऐसे शहर में फेरीवाला का नहीं होना किसी के भी गले नही उतरता।केंद्रीय मंत्री भागवत कराड ने मुंबई मनपा को 1 लाख फेरीवालों को प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत फेरीवालों को कर्ज देने का टारगेट दिया।कराड ने मनपा अधिकारियो को यह भी निर्देश दिया कि इसकी संख्या फरवरी मार्च 2023 तक 2 लाख होनी चाहिए।मनपा अधिकारी अब 1 लाख फेरीवालों का टारगेट पूरा करने के लिए 2014 में सर्वे हुए सभी फेरीवालों को ढूढने में जुट गए है।मनपा के वार्ड कार्यालय में जिन फेरीवालों का सर्वे 2014 में हुआ था उन्हे बुलाकर कर्ज लेने के लिए उनके फार्म भरे जा रहे है। मनपा के लाइसेंस विभाग के अधिकारी फेरीवालों को ढूढने के लिए दूसरे फेरीवालों के सहारे सर्वे में शामिल हुए फेरीवालों को खोजने में गली की खाक छान रहे है।
राज्य सरकार ने रद्द किया डोमिसाइल सर्टिफिकेट का नियम
राज्य की भाजपा शिंदे सरकार (Shinde Sarkar) ने फेरीवालों के लाइसेंस को लेकर पिछली सरकार द्वारा लादे गए डोमिसाइल सर्टिफिकेट (domicile certificate) के कानून को रद्द कर दिया । जिससे अब फेरीवालों को लाइसेंस मिलने में आसानी होगी।पिछली सरकार ने फेरीवाला कानून बनाते समय फेरीवाला लाइसेंस के लिए डोमिसाइल सर्टिफिकेट को अनिवार्य किया था जिसके चलते गरीब फेरीवाले लाइसेंस नहीं ले पा रहे थे।
हर 5 साल में होना चाहिए था फेरीवालों का सर्वे
केंद्र सरकार की फेरीवाला नीति अनुसार फेरीवालों का सर्वे हर 5 साल में एक बार किया जाना जरूरी रखा गया था जिससे बढ़ी जनसंख्या के अनुसार फेरीवालों को अधिक लाइसेंस मिल सके और रोजगार मिल सके। मुंबई मनपा अभी तक मुंबई में 2014 में लागू किया गया फेरीवाला कानून लागू नहीं कर पाई है । जबकि 2014 में सर्वे किया गया था।अब सर्वे कर आठ साल का समय बीत गया है। मुंबई में दोबारा फेरीवाला का सर्वे कराने की जरूरत हो गई है। मनपा प्रशासन को केंद्रीय मंत्री के आदेश का पालन करना होगा तो। दोबारा फेरीवाला का सर्वे कराना जरूरी हो गया है।
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Fri, Dec 16 , 2022, 07:27 AM