कांग्रेस क्या आरोप राज्य सरकार के आदेशों की अवहेलना
मुंबई। मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल (Municipal Commissioner Iqbal Singh Chahal) ने कैग जांच में कोरोना काल में हुए खर्च की जांच ना करने का निर्देश दिया है।मनपा आयुक्त ने अपने अधिकारियो को निर्देश दिया है कि कैग जांच में कोरोना काल में हुए खर्च की जानकारी भी नही देने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) ने कोरोना काल में हुए उल जलूल खर्च में बड़े पैमाने पर घोटाला होने की आशंका जताते हुए मुंबई (Mumbai) में मनपा द्वारा कोरोना काल के दौरान दो सालो के दौरान हुए कामों जिन पर 1200 करोड़ का खर्च हुआ था उसकी जांच कैग से कराने का निर्देश दिया था। बता दे कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई मनपा द्वारा पिछले दो सालो के दौरान किए गए खर्च की जांच कैग से कराने का निर्देश दिया था। जिसके आधार पर कैग की टीम मुंबई मनपा में कागजातो को इकठ्ठा करने के लिए 22 नंवबर को मनपा आयुक्त के साथ बैठक की। इस बैठक में मनपा आयुक्त ने कोविड 19 पर किए गए खर्च की जांच में सहायता करने से इंकार कर दिया है।मनपा आयुक्त ने कहा कि कोविड काल में किया गया खर्च पेंडमिक नियम के तहत खर्च किया गया जिसमे किसी भी काम को करने के लिए टेंडर निकालना जरूरी नहीं था। कोरोना काल में लोगो को किस तरह सुविधा उपलब्ध कराई जाए इस पर ध्यान दिया गया न कि टेंडर करना जरूरी था।मनपा आयुक्त का मानना है कि कोरोना काल में लोग सामान सप्लाई करने के लिए आगे नहीं आ रहे थे किसी तरह लोगो को समझा बुझाकर आगे लाया गया और लोगो को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई गई।मनपा आयुक्त ने कैग अधिकारियो को कहा कि जांच में कोरोना काल में हुए कामों की जांच करने के लिए राज्य सरकार से विशेष अनुमति लेंगे की इस जांच में कोरोना काल में किए गए कामों को न जोड़ा जाए।मनसे नेता संदीप देशपांडे ने गुरुवार को पत्रकार सम्मेलन आयोजित कर मनपा आयुक्त के इस निर्णय का विरोध किया है। संदीप देशपांडे ने आरोप लगाया कि मनपा में पिछले दो सालो के दौरान घोटाले की पूरी तूती बोलती रही । मनपा के अधिकारी से लेकर उस समय रही सत्ताधारी ने मिलकर मुंबई की गरीब जनता के टैक्स का पैसा को खूब लूटा है जिसमे मनपा अधिकारी और सत्ताधारी ने मिलकर अपने लोगो को काम दिया और जमकर घोटाला किया।देशपांडे ने कहा अगर इसमें घोटाला नहीं है तो मनपा आयुक्त जाँच से क्यों डर रहे हैं? यह जांच होनी चाहिए। यह करदाताओं का पैसा है। देशपांडे ने आगे कहा, "इसका हिसाब होना चाहिए।" ब्रिटिश शासन के दौरान मनपा का क़ानून बना था यह कानून 100 साल पुराना है। अब हम स्वतंत्र हैं। इसलिए करदाताओं को अपने पैसे का हिसाब मिलना चाहिए।कांग्रेस का आरोप मनपा आयुक्त राज्य सरकार से बढ़कर नहीं
कांग्रेस नेता और मनपा के पूर्व विरोधी पक्ष नेता रविराजा ने कहा की मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने इस तरह का निर्णय लिया है तो यह राज्य कि सरकार के आदेशों की अव्हेलना है।रविराजा ने कहा कि पेंडमिक का सहारा लेकर घोटाला किया गया। यह सहन नही किया जा सकता।मनपा आयुक्त ने कोरोना काल में लोगो को सुविधा देने के लिए टेंडर नही निकाला जा सकता था लेकिन कोटेशन तो जरूर निकाला जा सकता था। मनपा आयुक्त राज्य सरकार से तो बढ़कर नही है।आयुक्त को कैग से जांच करानी ही चहिए जिससे हमारे द्वारा पिछले दो सालो में लगाए गए आरोपों का दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ सके।
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Wed, Dec 07 , 2022, 07:55 AM