सड़कों के गड्ढों या मेनहोल को लेकर बॉम्बे HC का फैसला

Wed, Dec 07 , 2022, 07:16 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

सड़कों के गड्ढों या मेनहोल को लेकर बॉम्बे HC का फैसला, दुर्घटना में मौत हुई तो BMC अधिकारी माने जाएंगे जिम्मेदार

मुंबई।  अब अगर मुंबई की सड़कों पर गड्ढों की वजह से, या फिर मेनहोल (manhole) के ढक्कन खुले होने की वजह से कोई दुर्घटना होती है और इसकी वजह से किसी की मौत हो जाती है तो इसके लिए मुंबई महानगरपालिका (BMC) के अधिकारी जिम्मेदार ठहराए जाएंगे. बॉम्बे हाईकोर्ट (High Court) ने मंगलवार को यह आदेश दिया है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्या. अभय आहूजा की दो सदस्यीय खंडपीठ ने रुजू ठक्कर बनाम महाराष्ट्र राज्य और अन्य के केस में यह फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई मेनहोल में गिर जाता है और इस वजह से उसकी मौत हो जाती है तो कोर्ट प्रभावित लोगों को यह नहीं कह सकता कि वो सिविल सूट करके कंपनसेशन की मांग करे.

‘मेनहोल के ढक्कनों के नीचे लोहे की ग्रिल लगाने का सुझाव’

कोर्ट ने नगरपालिकाओं को यह भी सलाह दी कि वे मेनहोल के ढक्कन की समस्या सुलझाने के लिए एक स्टैंडर्ड ओपरेटिंग प्रोसिजर्स (SoP) का पालन करें. मेनहोल के ढक्कन के नीचे लोहे की ग्रिल लगाने का तरीका भी आजमाया जा सकता है ताकि ढक्कन खुले होने पर उसे समय पर रिप्लेस ना भी किया जा सके तो कोई मेनहोल में गिर कर अंदर ना चला जाए.


‘समाधान नगरपालिका को ही खोजना होगा, यह उनकी ही जिम्मेदारी’


साथ ही कोर्ट ने यह भी साफ किया कि समाधान तो नगरपालिका को ही ढूंढना होगा. लेकिन कोई ना कोई स्थायी समाधान जरूरी है. इसके लिए थोड़ा आगे की सोच होनी जरूरी है. आप यह नहीं कह सकते कि यह होना जरूरी है, यह होना चाहिए वगैरह. करना आपको ही है. फिर आप किसे कहेंगे कि क्या जरूरी है?

मेनहोल्स के खुले ढक्कनों की समस्या को हल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू

बीएमसी की तरफ से सीनियर एडवोकेट अनिल सखारे ने कोर्ट को यह बताया कि नगरपालिका मेनहोल्स के खुले ढक्कनों की समस्या को हल करने के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू है और जल्दी ही सारे मेनहोल्स पर ढक्कन लगा दिए जाएंगे. लेकिन इस पर कोर्ट ने कहा कि हम आपके कामों की सराहना कर सकते हैं लेकिन लेकिन अगर किसी की मेनहोल में गिर कर मौत हो जाती है तो हम उसे सिविल सूट करने को नहीं कह सकते. संबंधित अधिकारियों को नोटिस भेजा जाएगा. उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
यह मामला मुंबई के वकील रुजु ठक्कर द्वारा तब उठाया गया जब उन्होंने पाया कि 2013 की 2013 की जनहित याचिका को लेकर हाईकोर्ट के ऑर्डर और 2018 में गड्ढों के संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को बीएमसी द्वारा अमल में नहीं लाया जा रहा है.

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