Margashirsha Purnima 2025 : मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर करें तुलसी चालीसा का पाठ, आपकी धनराशि में वृद्धि होगी

Wed, Dec 03 , 2025, 12:55 PM

Source : Hamara Mahanagar Desk

Margashirsha Purnima 2025: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा (Margashirsha Purnima) के दिन तुलसी की पूजा करने से भक्त पर देवी लक्ष्मी की कृपा होती है। इससे जीवन में सुख और शांति भी आती है। अगर आप भी देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करें। उसके बाद सच्चे मन से तुलसी चालीसा का पाठ करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, तुलसी चालीसा का पाठ करने से देवी लक्ष्मी घर में आती हैं। इसके अलावा, देवी की कृपा से आर्थिक लाभ होने की संभावना है। ऐसे में आइए तुलसी चालीसा का पाठ करें।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 तारीख और समय (मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2025 तारीख और शुभ मुहूर्त)
वैदिक कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष पूर्णिमा का दिन 4 दिसंबर को सुबह 8.37 बजे शुरू होगा। यह 5 दिसंबर को सुबह 4.43 बजे खत्म होगा। इसलिए, मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर को मनाई जाएगी।

तुलसी चालीसा पढ़ने के ये हैं फायदे

पूर्णिमा के दिन तुलसी चालीसा पढ़ने से पैसे का फायदा होने की संभावना है।
देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है।
सुख-समृद्धि बढ़ती है।
देवी लक्ष्मी घर में वास करती हैं।
सभी परेशानियां दूर होती हैं।
खजाना कभी खाली नहीं होता।
..तुलसी चालीसा..

श्री तुलसी महारानी, ​​मैं सिर झुकाता हूं।

जो भी मुसीबत में हो, उसे मां का नशा दो।

नमो नमो तुलसी महारानी, ​​उनकी महानता को न भुलाया जाए।

विष्णु आपका सम्मान करें, दुनिया पर सूरज की रोशनी हो।

विष्णु प्रिया जय जयतिभवानी, सभी लोग खुश रहें।

जो कोई भी भगवत की पूजा करता है, आपके बिना वह सफल नहीं होगा।

जिन घर तव नहिं हां निवासा, इत करहिं न विष्णु बसा।

करे सदा जो तव नित सुमिरन, तेहिके काज होय सब पुरान।

कातिक मास महात्मा तुम्हारा, ताको जानत सब संसारा।

जो तव पूजा करैं वे कुवांरी, सुंदर सुहागिनें।

कर जो पूजन निताप्रति नारी, सुख आवत से होय सुखारी।

बूढ़ी स्त्री जो पूजे सो भक्ति से भर जावै।

जो श्रद्धा से पूजे सो भवन जावै।

कथा भागवत यज्ञ वै, तुम बिन नहि सुखापा पावै।

छायो तब प्रताप जगभारी, ध्यावत तुम सब चितधारी।

तुम्हें क्षण भर में सारा काम करने में महारथ हासिल हो जाएगी।

औषधि रूप आप हो माता, सब जगह मैं तव यश विख्याता,

देव ऋषि मुनि औ तपधारी, करत सदा तव जय जयकारी।

वेद पुराणन तव यश गया, महिमा अगम पा नहीं पाया।

नमो नमो जय जय सुख, नमो नमो जय दर्द निवारण।

नमो नमो सुखसंपत्ति देनी, नमो नमो अघ कटन छेनी।

नमो नमो भक्तन दुख हरणी, नमो नमो रोगुअन मद छेनी।

नमो नमो भव पर उदारणी, नमो नमो परलोक सुधार।

नमो नमो निज भक्त उबरणी, नमो नमो जनकज संवाराणी।

नमो नमो जय कुमति नशावणी, नमो नमो सुख उपजावणी।

जयति जयति जय तुलसीमै, ध्यानों तुमको शीश नवै।

अपनी लगन अपनाओ, बुरे कर्मों को अपना बनाओ।

करूँ विनय मैं मात तुम्हारी, पूरन आशा करहु हमारी।

शरण चरण कर जोरी मानौ, निशदिन तेरे गा यह गुण।

क्रहु मत यह अब मोपर दया, निर्मल होय सकल मामकाय।

मांगु मत यह बर दीजै, सकल मनोरथ कीजै।

जानु नहीं कुछ नेम आचारा, छमहु मात कृष्ण हमारा।

बारह मास करै जो पूजा, ता सम जग में और न दूजा।

पहले गंगाजल मांगो, फिर अच्छे से नहाओ।

चंदन के फूल चढ़ाने चाहिए, धूप दीप चढ़ाना चाहिए।

गंगाजल से आचमन करो, सच्चे मन से ध्यान करो।

फिर चालीसा की, स्तुति मत तुलसा की।

यह रस्म हमेशा निभाओ, ताकि शरीर को तकलीफ न हो।

कार्तिक महीने में ऐसा करो, रोज रात को सोओ और पवित्र बनो।

यह कहानी बहुत अच्छी है, इसे पढ़ो और सुनो, तुम पवित्र बन जाओगे।

तुलसी मैया, तुम एक अच्छी इंसान हो, तुम्हारी महिमा पूरी दुनिया जानती है।

हर रात अपनी माँ के बारे में मत सोचो, अपनी माँ को खुश करने के लिए गाओ और गाओ।

यह श्री तुलसी चालीसा किसी को भी सुनाओ।

गोविंद तुम्हें वही फल देंगे जो तुम्हारा मन चाहेगा।

डिस्क्लेमर: इस आर्टिकल में बताए गए उपाय, फायदे, सलाह और बातें सिर्फ आम जानकारी के लिए हैं। इस फीचर आर्टिकल के कंटेंट का समर्थन नहीं करते हैं। इस आर्टिकल में दी गई जानकारी अलग-अलग सोर्स, ज्योतिषियों, पंचांगों, प्रवचनों, आस्था, धार्मिक ग्रंथों और किंवदंतियों से इकट्ठा की गई है। पढ़ने वालों से रिक्वेस्ट है कि वे आर्टिकल को आखिरी सच या दावा न मानें और अपने विवेक का इस्तेमाल करें। 

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