FAQ on Yogurt: दही के फायदे-नुकसान से लेकर खाए के तरीके तक की पूरी जानकारी पाएं सिर्फ एक क्लिक पर!

Fri, Nov 07 , 2025, 10:40 AM

Source : Hamara Mahanagar Desk

FAQ About Yogurt: दही भारतीय खान-पान का एक अहम हिस्सा है। सदियों से भारतीय व्यंजनों में दही का इस्तेमाल कई रूपों में होता आ रहा है। स्वादानुसार दही खाना सेहत के लिए अच्छा होता है। दही में कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन बी-12, पोटैशियम और मैग्नीशियम समेत कई ज़रूरी पोषक तत्व होते हैं। दही प्रोबायोटिक्स का एक बेहतरीन स्रोत है। दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।

दही का सेवन कैसे करें? 
आप अपने आहार में सलाद, लस्सी, छाछ, करी जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। ग्रामीण इलाकों में भी दही को चावल या पोली के साथ खाया जाता है। अगर दही सही समय पर और सही मात्रा में खाया जाए, तो शरीर को कई फायदे मिलते हैं। दही का सेवन कैसे करें? दही का सेवन कब नहीं करना चाहिए? दही का सेवन कब करना चाहिए? आइए इन ज़रूरी सवालों के जवाब जानें...

दही का सेवन कब करना चाहिए?
आप दिन में किसी भी समय दही खा सकते हैं, यानी नाश्ता और दोपहर का भोजन दही खाने का सबसे अच्छा समय है। इस दौरान शरीर का पाचन तंत्र ज़्यादा सक्रिय होता है और शरीर दही में मौजूद पोषक तत्वों को अच्छी तरह अवशोषित कर लेता है। शाम के बाद दही खाने से बचें।

दही खाने का सबसे अच्छा समय
नाश्ता
: नाश्ते में दही शामिल करना फायदेमंद हो सकता है। इससे पेट शांत रहेगा और इसमें मौजूद प्रोटीन शरीर को ऊर्जावान बनाए रखेगा। आप नाश्ते में दही को फलों या ओट्स के साथ खा सकते हैं। दोपहर का भोजन: दोपहर के भोजन के साथ या दोपहर के भोजन के बाद दही खाना भी फायदेमंद होगा। भोजन के साथ दही खाने से भोजन आसानी से पचता है और पेट को ठंडक मिलती है।

दही कब नहीं खाना चाहिए?
रात में दही खाने से बचें। इससे कफ, सर्दी-जुकाम और खांसी हो सकती है। पाचन क्रिया भी धीमी होगी। अस्थमा और गठिया के रोगियों को रात में दही खाने से बचना चाहिए।

किस महीने में दही नहीं खाना चाहिए?
किसी खास महीने में दही खाने से पूरी तरह परहेज करना ज़रूरी नहीं है, लेकिन बरसात और सर्दी के मौसम में दही से परहेज़ करना चाहिए। दही का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से शरीर में वात दोष बढ़ सकता है।

दही के फ़ायदे
दही में प्रोबायोटिक्स की मात्रा ज़्यादा होती है, जो पेट को स्वस्थ रखने में मदद करता है। कब्ज, पेट फूलना जैसी समस्याएं कम होंगी। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों में हानिकारक बैक्टीरिया को मारते हैं, जिससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होती है। दही में मौजूद कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों और दांतों को मज़बूत बनाते हैं। यह ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों के ख़तरे को कम करने में मदद करता है। दही में प्रोटीन की मात्रा भी ज़्यादा होती है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। नतीजतन, यह वज़न नियंत्रण में मदद करेगा।

दही में लैक्टिक एसिड होता है, जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से एक्सफ़ोलिएट करने में मदद करता है और बालों को पोषक तत्व भी प्रदान करता है। दही में मौजूद पोटेशियम और मैग्नीशियम तत्व रक्तचाप के स्तर को संतुलित रखते हैं और हृदय स्वास्थ्य को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स तनाव और चिंता जैसी समस्याओं को कम करने में मदद करेंगे। दही पेट की सूजन को कम करने में मदद करेगा। दही में मौजूद पोषक तत्व अच्छी नींद लाने में मदद करेंगे। वर्कआउट के बाद दही खाने से शरीर को प्रोटीन मिलेगा और शरीर के पसीने की पूर्ति होगी।

दही के दुष्प्रभाव
अगर आप रात में दही खाते हैं, तो कफ, सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। अगर आप सीमित मात्रा में दही का सेवन नहीं करते हैं, तो गठिया की समस्या बढ़ सकती है। दही में प्रोबायोटिक्स होते हैं, लेकिन अगर आप दही का अधिक सेवन करते हैं, तो आपको कब्ज और पेट फूलने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। दही में चीनी मिलाने से वजन बढ़ सकता है, क्योंकि इसमें कैलोरी की मात्रा बढ़ जाती है। रात में दही खाने से पाचन क्रिया प्रभावित होगी, जिससे पेट भारी लगेगा। जिन लोगों को दही से एलर्जी है, उन्हें दही खाने से बचना चाहिए। इससे पेट में गैस या पेट दर्द हो सकता है। जिन लोगों को दही से एलर्जी है, उन्हें त्वचा पर खुजली और रैशेज हो सकते हैं। बहुत अधिक दही खाने से एसिडिटी हो सकती है। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को रात में दही खाने से मुंहासे जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। मछली, पनीर, गर्म पेय पदार्थों के साथ दही खाने से बचें, क्योंकि इससे पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ सकता है।

दही और इसबगोल साथ खाने के फायदे: 
दही और इसबगोल साथ खाना पाचन क्रिया के लिए रामबाण माना जाता है। 

कब्ज: इसबगोल एक घुलनशील फाइबर है, जो मल त्याग से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स मल त्याग को बेहतर बनाते हैं और कब्ज से छुटकारा दिलाने में मदद करते हैं। 

दस्त से राहत: दही और इसबगोल साथ खाने से दस्त से भी छुटकारा मिल सकता है। दही आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाता है। 

कोलेस्ट्रॉल: इसबगोल में मौजूद फाइबर रक्त में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करता है।

वजन घटाना: यह मिश्रण पेट को भरा रखता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है। आप एक कटोरी दही में एक से दो चम्मच इसबगोल मिलाकर खा सकते हैं। ईसबगोल को दही में ज्यादा देर तक नहीं भिगोना चाहिए।

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