शिलांग। मेघालय उच्च न्यायालय (Meghalaya High Court) ने अपने एक फैसले में कहा है कि एससी-एसटी छात्रों (SC-ST students) को छात्रवृत्ति लिए आधार कार्ड (Aadhaar cards) जरूरी नहीं होगा। मुख्य न्यायाधीश सौमेन सेन और न्यायमूर्ति वानलुरा डिएंगदोह की पीठ ने गुरुवार को एक जनहित याचिका का निपटारा करते हुए यह आदेश जारी किया। इस जनहित याचिका में राज्य सरकार की 31 अक्टूबर, 2023 की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी, जिसमें राज्य छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए आधार अनिवार्य कर दिया गया था।
पीठ ने राज्य में पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए 18 वर्ष तक की आयु के अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के छात्रों के लिए आधार कार्ड देना अनिवार्य नहीं होगा।
न्यायालय ने हालांकि कहा कि छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करते समय यदि प्राधिकारी उम्मीदवारों से उनकी मांग करते हैं, तो उन्हें जन्म प्रमाण पत्र और अन्य विश्वसनीय प्रमाणित दस्तावेजों सहित निवासी के रूप में अपनी पहचान साबित करनी होगी। यह जनहित याचिका सामाजिक कार्यकर्ता ग्रेनेथ संगमा द्वारा दायर की गई थी, जिसमें उन छात्रों के हितों की वकालत की गई थी जो आधार कार्ड न दिखा पाने के कारण उक्त लाभ प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। अदालत ने कहा कि ऐसी औपचारिकताओं के अनुपालन पर ज़ोर देने के पीछे पूरा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पात्र व्यक्तियों को ऐसे लाभ मिलें।



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